लगता है गुजर गये कितने जमानें
दिल वही सुकून पाने के लिये फिर
तलाशता रहता है कैसे कैसे बहाने
मिलते हो जो रात की तनहाई मे
खुश हो के दिल लगता है इतरानें
अब आबाद करो या करो बरबाद
रख दिया खुद को रुख-ए-निशाने
मान भी लो बात अपने दिल की
ना जाओ इन शोलों को सुलगानें
जल जाओगे तडप की इस आग मे
देखना ना आएगा कोई फिर बचाने
कांटे भी फूल से लगने लगे है
तारे भी मेरे साथ जगने लगे है
कैसी मस्ती है छाई दिल-ओ-जान पे
प्यार के शोले यों सुलगने लगे है
होश है संभाला हम ने आज चोट से उभर के
सीख ही लिया जीना बिना किसी हमसफर के
नये अझमत से चल रहे है अब उन गलियों मे
जिन मे कभी घुमा करते थे हम डर डर के
इन धडकनों से मजबूर हो गये
निन्दें हमारी हो गई दुशवार
तेरे खयालो मे चूर हो गये
साथ जो मिल गया तुम्हारा
सारे गमों से हम दूर हो गये
तेरे चर्चे तो लाखों मे थे ही
हम भी अब मशहूर हो गये
दिल ये तुम्हारा हँसाता है कभी और कभी रोता है क्या ?
सुनहरे रात मे जागता और भरे दिन मे ये सोता है क्या ?
तनहाई मे आह भरता है और महफिल मे खोता है क्या ?
ये प्यार ही है जानम, अब आगे आगे देखो होता है क्या !
नयी है ये दोस्ती, नया है ये हमसफर
नया है ये जसबा और नयी है ये डगर
किस अनजाने मोड पे मिल जाए कोई
किसी को क्या पता, किसी को क्या खबर
दिल की बात ना सुन ऐ मेरे हमसफर
दिमाग को फिर शायद पछताना पड़ेंगा
ये तो भाग जाएगा दो नैना मिला के
हाल-ए-दिल जबान को ही जताना पड़ेंगा
मजा आने लगेंगा इतना इस बिमारी मे
पागलपन मे खुद को सताना पड़ेंगा
गर लग जाए बेवफाई का एक दाग
खून के कतरे से उसे हटाना पड़ेंगा
मिले थे हसिन लम्हे जितने मुलाकात के
किश्तों किश्तों मे उन्हें लौटाना पड़ेंगा
लूट जाओगे मुहब्बत के चक्कर मे, फिर
किस्मत के दरवाजों को खटखटाना पड़ेंगा
बुलाया करेंगे कई लोग दीवाना तुम्हें
हर गली से रोज एक नया ताना पड़ेंगा
इतना सताएगा ये जमाना तुम्हें, के
अकेले मे भी फिर झटपटाना पड़ेंगा
खुशी मेरे दिल की महसूस करना है अगर
आना होगा तुम्हें ख्वाब-ओ-खयालों मे मेरे
तुम्हारे ही आने से आई है जिन्दगी मे बहार
खोया रहता हूं अब मै बस सवालों मे मेरे
दिल ये चाहे, के सारे दुनिया से दूर जा के
अब जिन्दगी की राहगुजर हो महलों मे तेरे
आखिर क्या है जीना अब समझ मे है आया
जन्नत की खुशियॉ जो है पाई पहलू मे तेरे
चोट खा ली पहले ही मुहब्बत मे इतनी
के, जुर्रत नही ये खता करने की दोबारा
जान ली एक पल मे हम ने हैसियत अपनी
लगा सदमा दिल को कुछ ऐसा करारा
जन्नत की खुशियॉ तो नही मांगी थी
मांगा था हम ने बस एक साथ तुम्हारा
अपने ही मुकद्दर को कोस रहे है अब
बिना लकीरों के बन गया नसीब हमारा
लढते थे नैन जिससे कभी महफिल मे
तरस गये है पाने को उसका एक इशारा
पिलाया था कभी जिसने जाम अपनी आखों से
उस जालिम ने ही आज ये नशा है उतारा
बैठे रहे उसकी याद मे एक आस लिये
ना आए पास हमारे, ना ही हमे पुकारा
हालत बना गए कुछ ऐसी इस आशिक की
कहने लगी है दुनिया इसे अब बेचारा
हुआ करती थी कभी रातें जिसकी जवां
आज फैला है दिन मे भी कैसा अंधियारा
चलते थे जो कभी हमराह बनके हम
आज मिलता हुं मै उन गलियों मे मारा मारा
हम जीना चाहते है बनके जिनका हमसफर
आज कल करते वो बाते खुद-खुशी करने की
लाख उठाए सवाल ये दुनिया हमारे रिश्ते पे
साथ होगे हम मगर, बात नही ये डरने की
वक़्त आ गया है अब कुछ कर दिखाने का
घडी नहि है ये जानम ठंडी आहें भरने की
होगा ना मुझसे बुरा कोई, समझ लो आज
फिर सुनी बात अगर मारने और मरने की
हम ही से शरमाना और हम ही से परदा
हम ही से घबराना, हम ही से शिकायत
ये सब है निशानियाँ प्यार के इकरार की
आप ही का शुक्रिया, आप ही की इनायत
हम ही से ईतराना, हम ही से दिल्लगी
हम ही से बिछडना, हम ही से हिदायत
सम्भाल सको तो कोशिश कर के देख लो
प्यार ही है ईबादत, प्यार ही है निहायत
किसी की याद मे ये दिल जब बेकरार होता है
इन्तजार का हर लम्हा जब मजेदार होता है
दिल तो वैसे भी धडकता है जीने के खातिर
मरने को जब वो तडपे, तब ही प्यार होता है
सामना करो तुम हकिकत से
आज मे जीना सीख लो यार
ख्वाब देखना कभी फुरसत से
डूबते माज़ी को तिनके के सहारे बुलाया उसने
हम तो कब के भूल गये थे उनके घर का पता
हमारे ही गली मे आ के हमें फिर रुलाया उसने
लहू लोहान करने के इरादे था तीर चलाया उसने
अपने हुस्न का जहर मेरे ज़िस्म मे फैलाया उसने
छोड चुके थे उम्मीद उनको हमसफर बनाने की
बेवफाई का इलज़ाम दे के कब्र मे है सुलाया उसने
बंजर गुलिस्तां मे एहसास का बीज बोया उसने
परवरिश से एक बाग़बान का फ़र्ज़ निभाया उसने
हम तरसते रहे उनका एक करम पाने के इरादे
पहले मुलाकात मे ही कर दिया हमें पराया उसने
दूर से ही देख के अंजाने मे हमें अपनाया उसने
हुस्न के शोले से सख्त बरफ को पिघलाया उसने
हम खोए ही रह गये दिन रात उनके खयालों मे
जाने किस घडी मे हम से उठा लिया साया उसने
सोए अरमानों को एक ही इशारे से जगाया उसने
गर्द पडे रूह को चाहत के दीदार मे नहलाया उसने
फिर जरूर बरसेगा वो प्यार, फिर आएगी वो बहार
यहीं कहके फिर आज मेरे दिल को मनाया उसने
सुलझे हुए शक्स को जाल मे अपने उलझाया उसने
जाम पिला पिला के है बेहोशी तक बहकाया उसने
जो डूब गया था कभी उनकी बाहों की आहोश मे
एक बून्द पानी के लिये है आज उसे तरसाया उसने
मेरे खामोश चलती जिन्दगी मे तूफान लाया उसने
ना जाने जन्नत के किस खुशी को है पाया उसने
हम ने तो जीना सीख लिया अब अपनी तनहाई मे
नही जानती वो मगर, आज किसे है खोया उसने
अकेली रातें तेरी याद मे मर मिटने को बेकरार है
दिन भी तेरी उम्मीद मे गुजर जाने को तैयार है
ऐसी प्यास लगी है जालिम, दिल मे तेरे चाहत की
मिटेगी तेरे आने से, जो बरसात को भी दुशवार है
इस दुनिया की भरी महफिल मे, दिलवाले हजार है
तनहाई मे हर शक्स, लेकिन आज यहां बेजार है
मिलता नही है मुकम्मल हमसफर सभी को यहां
बस कहने के लिये ही ये दिलवालों का बाजार है
हँसी पे मत जाओ, मेरे घावों मे अब भी उभार है
ये हंसना तो बस, दर्द छिपाने का एक औजार है
दफन हो जाउंगा यों ही एक दिन, तो लोग कहेंगे
देख लो, एक और मस्तानें आशिक़ ये माजार है
इश्क़ ये मेरा फिर भी जिन्दा है-- प्यार की शाखें बाकी है थोडी
दिल मे उनके, घर बसाने का--सपना दिल ने पाला था कभी
आस लगाए बैठे है अब भी--उम्मीद ये हम ने नही है छोडी
पहले नजर का प्यार भुला के--भूल गई जालिम वो सीना-जोरी
साथ पे जिन के नाज़ था हमें--गांठ बन्धन की वही है तोडी
दिल ये अब उदास सा रहता है--रह रह के दुख ये सहता है
चलते थे जो कभी हाथ पकड--राह उन्होनें आज अपनी है मोडी
उन्हें देखने का हमें कोई शौक नही
फूलों की खुशबू नही हम मे, मगर
आज कल बदलने लगे है उनके तेवर
बेशर्म हो के मिलते है वो दुश्मनों से
कबूल किया जो आप ने नजरना हमारा
बनाया है आशिक़ तुम ने, कहना है सब का
दामन जो छुपा रहे हो, लगा है कहीं कोई दाग
अब तो बढ चुका है ये दर्द-ए-दिल हद से आगे
पीना मेरा कोई शौक नही, पीना मेरी मजबूरी है
तुम दिल के पास हो, फिर भी कितनी दूरी है
समझौता ही है ये, सच्चाई से दूर भागना नही
जान लो बस इतना, जिन्दगी तुम बीन अधूरी है
जानता हूं पर मानता नही, आदत ये बडी बुरी है
मेरा नशे मे रहना, गम भुलाने के लिये जरूरी है
कयामत से पहले ना सही, जन्नत मे मिलेंगे जरूर
इमान ना समझो इसे यारो, ये हमारी मगरूरी है
पी मगर ऐसी जगह जहां ना हो कोई शोर
यहॉ खुशी मे तो पी लेते है सभी, मगर
मर भी ना पाए, सँभल भी ना पाए हम
शुक्रिया अदा करे कब उस बनाने वाले का
सांसों मे मची है हलचल, मचा है नया शोर
खुद को तो रोक लूँ धडकनों को कैसे रोकू मगर
धडकनों की आहट भी करती है तुमको सलाम
सीने मे चलती सांस लेती है बस तुम्हारा ही नाम
एक ही चाहत है अब
पैरों के नीचे पनघट यों चलती रहे
सांस लेती रहे भिनी खुशबू बांहों मे
या फिर छुपा रही हो मुझसे कोई गम
अगर कहती हो कही कोई बात नही, तो
सितारे जब होते थे पहलू मे खामोश रात के
कहा करती थी दिल लगाना तुम्हारा काम नही
कत्ल कर चली गई उसकी एक अंगडाई
इतना ना प्यार करो कहता था उसे
हम वो है जो यारी दोस्ती भुलाते नही
आपकी शरारतों से मजा आता है जरूर
क्या जानु मै, ये जागा है या सो गया है
है ये अपनी ही जगह, या कही खो गया है
तूफानों से नही होती गुजारीश
हर कदम पे रास्ता रोकेगा ये
ज़हन मे जो उनकी याद आई
आती थी ख्वाबो मे रोज कभी
धडकनो मे दर्द है कितना, महसूस कर के देखलो
चाहतो मे दम है कितना, कभी दिल लगा कर के देखलो
सुखा पडा है सीने मे कितना, भीगे बदन से देखलो
मिलने मे आखिर क्या मजा है, कभी बिछड के देखलो
हक़िकत मे कुछ नही है ज़ानम, सपने सजा के देखलो
यादों मे सुरूर है कितना, कभी याद कर के देखलो
उनके सुलझे लटों को उलझाना चाहता हूं
आंचल सीने से ढलने की तमन्ना है बस
दीवानों की भिड मे गुम होने वालों मे से हम नही
थाम लेगा हाथ जरूर कोई राह चलता मुसाफिर
याद आते होंगे तुमको हम दिन के उजालों मे भी
भूला ना पाओगी जिन्दगी के वो मुकम्मल लम्हें
हमें उन्होनें जाम पिला पिला के मारा
हम गये थे जीतने की तमन्ना लिये
गर दिखाई देते खुली आंखों के सपने, नजारें ना देखता कोई
महसूस होती गर सासों की सिलवटें, मलमल ना जानता कोई
ना होते गर तुम साथ हमारे,
जमानें गुजर जाएगे, मगर मुहब्बत ये जवान रहेंगी
दिल मे जतन किये रखे है इस अनमोल रतन की चमक
कारवाँ ये यों ही चलता रहेगा
उभर आना है तुम्हें हर मुकाम पे
मेरे बीन तू अकेली है, तू हां कहे या ना कहे
दुनिया से सही मगर खुद से क्या झूठ कहना
नाकामयाबी मे भी पर शरीक हम होंगे
सम्भाले रखना हमारे दोस्ती का नजराना
इन कातिल निगाहों से हमें खतरा लगता है
रात - दिन कैसे गुजरते है पता नही चलता
बातें करता है जो ऐसी, वही प्यार को खोता है
करना है प्यार तो उम्मीद के साथ करो यारो
जो दिल धडका फिर तेरी याद आई
आंखों ने महसूस किया उस हवा को
दोस्त हमारे इस हालत पे हंसने लगे है
ऐसी छाइ खुमारी नाचीज की इस दिल पे
कोई पागल कहे तो कोई दीवाना कहे
कोई इलाज नही इस बीमारी का दुनिया मे
आंखें रहती है नम आज कल कुछ ज्यादा
आस लगाए बैठे है ईस उम्मीद मे, के
क्या वो सुन पाएगी दिल से निकली हुई सदा
अगर निभाना चाहता है दोस्ती ऐ मेरे दोस्त
उन्हें क्या पता हम यहा जित-ए-जी मर रहे है
खत्म हो जाए ये लम्बा सफ़र इस परदेस मे जल्दी
शाम को घर जाके आइना देखुं तो लगता है
इस अनजान से शहर मे
पास आके हमारे उनका बदन हिल जाता है
कोई उन्हें ये बताए के दूर ना जाए हमसे
गहराई उनके आंखों की बादलों मे कहा
देखो यारों उनको कभी मेरी नजर से
मेरे उजडे गुलिस्तां मे महक सी छा जाए
कोई उनको बताए, वो हमारे लिये क्या है
एक पल का पागलपन, एक पल की दीवानगी
ये बस काम है उन जिन्दा मुर्दो का
हालत कुछ यों थे के हम प्यार कर बैठे
तुम्हारा आना ज़िंदगी मे एक तूफान था
इतना मचलने दोगे उसे तो मुश्किल मे आओगे
वह तो एक मतवाली और चंचल हंसीना है
क्या ये नशा इस मतभरे जाम क है,
दिल कहता है सम्भल जा ऐ दीवाने
उम्मीद है तुम तो साथ निभाओगी
निकलेगी इस दिल से जबभी कोई आह
धडकनो पे भी लग गया है ताला
दबाए रखा था जो दर्द ईस दिल मे
के अब खुद पे आने लगा है तरस
बूंद बूंद को ना तरसा मुझको साजन
जो भले भलों के उडा सकती है होश
हमें कोई शिकवा नही तुम्हारे इरादों पे
की हमें हिचकियां आना बन्द हो जाए
याद हमे थोडा दिल से किया करो
ख्वाबो मे आपका आना ये क्या कम है
छोटी छोटी बातों से क्या रूठना यारो
देखा ना करो ऐसे, दर्द सा लगता है
सुनाया ना करो अपनी मतभरी आवाज
चेहरा तुम्हारा आंखों मे छुपा के लाया हूं
तुम मेरी हो, तुम्हें बस ये बता नही पाया हूं
आपको एक शक्स जरूर दिल से याद आएगा
भूल जाओगे तुम जमाने के दिये सारे गम
हमारे पास खुद आ बैठी है जन्नत
खुदा दिलदार है कितना, चला है पता आज
जिन्हे हादसा समझ कर चहता है भुलाना
गुजारीश है उस जालिम से तह-ए-दिल से
खुशियॉ के पल दबोचने लगे है
अपनोसे जरा हम बचने लगे है
जबसे कर बैठे है हम इजहार-ए-दिल
ऐ जालिम दिन मे मुश्किल है मिलना
वो तो परछाई होती है किसी शक्स की
उसका भी अपना एक कीरदार होता है, पर
ना जाने छा गई दिलपे, कैसी जादूगरी
रहती है वो सेहमी सी, और कुछ डरी
हम सांस भी नही लेते, और मरते भी नही
बदनाम हो गए है उनके प्यार मे इतने, के
तो कोई कहे, ये आग का दरिया है
हम कहते है, जन्नत ही जन्नत है
वो परी परदे से निकल सामने आई है
अब मत हिचकिचाओ नजर मिलाने से
सांसों की गहराइ मे खुद को भूल चाहता हूं
आंखों की सच्चाई मे, पापो से धूल जाना चाहता हूं
क्या जाने चलता रहता है इस दिल-ओ-दिमाग मे किस का खयाल
बदलते है करवटे बिस्तर पे पडे पडे तेरी याद मे, की
बेगुनाह खुदको कह नही सकता
दिया है दिल का ऐसा हँसी दर्द तुमने
उनकी एक झलक की तमन्ना मे, दिदार के ख्वाब चूम रहे है
नही पता था हमें, जुदाइ के बाद आएगी जालिम की इतनी याद
मुकद्दर से ही लढी थी आंखें दो अनजान
मुकद्दर ही मिलाएगा फिर दो दिलों को
फिलहाल दिल भी घुट घुट के रो रहा है
तडप इस दिल की तुमसे बेहतर कौन जाने
हम तो सारी जिन्दगी साथ निभाना सोच रहे थे
लगेंगा तुम को भी कुछ ऐसा, याद करोगे जब
और किसी पे मर मिटने वाले तुम न थे
आदत सी पड जाएगी तुम्हें याद करने की
जब बिना उम्मीद आता है उनका होई पैगाम
मिलते नही वो, तो याद ही कर लेते है
जरूर छुपा रही हो, दिल मे कोइ दर्द
बताओगी तो, होग कुछ कम एहसास
किया प्यार तुमने मुझे और मैने तुम्हे रात दिन
शायद भुल जाओगी तुम जिन्दगी की बाकी सारी रातें
जो हाल-ए-दिल लब्जों मे बयान करते है
लिख लेते है हम कुछ, जज़बात मे बेहके
इसे सम्भाल के रखना ऐ मेरे हुजूर
चाहेंगे तुम्हें इस कदर जान-ए-जाना
प्यार करो तो ऐसे करो, की यार जताने पे मजबूर हो जाए
लिखो तो ऐसे लिखो, हर शब्द गाने पे मजबूर हो जाए
होता नही दिन, बिना तेरे खयाल के, इस दीवाने का
अब जीना मरना मेरा, बस तेरे खातिर है, क्यूंकी
सोचता हु, हाल-ए-दिल ही बयान कर दिया जाए
है खूबसूरत, जो बस गई है दिल की डोली मे
रात रात जाग किसिका इन्तजार करे वो दीवाना नही होता
इस जहां मे इन्सानियत के और भी कइ उसूल है, मगर
हम रिश्तों को भुलाने वालों मे से नही
हमारे प्यार का दामन छुडा ना पाओगे
उनकी याद में आज कल तबीयत कुछ नम है
भुलाना उनको मुश्किल ही नही नामुमकिन है
मुहब्बत के मचधार मे पुराने साहिल भूल जाते है
हम मगर याद रखेंगे हर वो मदहोशी भरी रातें
और आती है उनकी याद रात कि तनहाइयों में
आंखें बन्द कर देख लेता हूं वो हसीन चेहरा
टिमटिमाते तारे और चमकते मोतियों से पुछलो
एक हि जवाब मिलेगा जब चलेगी बात उस दिलबर की
गुलाबों की लाली है होंठों मे मेरे यार की
जुगनू की चमक है आंखों मे मेरे यार की
कस्तूरी की महक है बांहों मे मेरे यार की
रेशम की कोमलता है बालों मे मेरे यार की
अब्र की मलमलता है गालों मे मेरे यार की
कोयल की मिठास है बातों मे मेरे यार की
प्यार करना है तो करो जरा इमान से
जमाने को दिखाके क्या खाक करोगे
लेहरो को चीर कर मन्ज़िल के तरफ़ बढना जानता हू
बेहती हवाओ की खुशबू भी देगी गवाही इस बात की
जिसे दिल ढुंड राहा है क्या जाने वो काहा होगा
मेरे चेहरे की मुस्कुराहट पे मत जाओ यारो
पर कभी मेरी याद आये तो रोना नही
लम्हे तो खैर आते और जाते रहेंगे
आज देखली हमने दोस्तो की दोस्ती
और देखली दुनिया की दुनीयादारी
उतर गया नशा गलत वहमी का
उड गयी एक पल मे सारी खुमारी
दुनिया की इस भरी महफ़िल मे
सोचते थे अकेले तो नही है हम
पता चला बस एक वही है हमसफ़र
जिसे केहता हु मै “मेरि शायरी”
रोज लिखते हो आज कया हो गया, न कोइ नज़्म न कोइ साज़
मै बोला, दिल मे मेरे अब न कोइ तडप, न जलन, न कोइ राज
जुदा हुए वो
जिनके लिये होते थे कागज़ निले, प्यार पे जिनके था हमे नाज
साकी के होंठों की मिठास उसमे मिलती है
अकेले जलना भी क्या जलना, मज़ा तो तब है
जब शम्मा भी परवाने के साथ जलती है
कभी हार कभी जीत इसके दो रंग है
ज़िन्दगी से गीला शिकवा क्या करना
तुझ जैसा दोस्त हर घडी अगर संग है
तपते दिन के बाद सुनहरी रात जरूर होगी
चान्द सितारो के साथ तुम्हरी बात जरूर होगी
कभी दिल की आवाज से पुकारो तुम किसी दोस्त को
अपने दोस्ती की कसम, फ़िर मुलाकात जरूर होगी
संजोते है वो घड़िया और वो पुरानी बातें
मेरे इन्तजार का हर गम भूल जाओगि तुम
सितारे गवाह है, होंगी फिर रूमानी मुलाकातें
ये नजर अक्सर खा जाती है धोका
उनसे नजर जो मिली भिगी सी रात मे
दिल को गुम होने से पर नज़रोंने ना रोका
कत्ल करना उनका पेशा है
कभी हमें भी मार डालो जाना
ये बन्दा हाजिर हमेशा है