∂ιηєѕн кυмαя мєєηα(•●♥♥ ι ℓσνє уσυ, мιѕѕ уσυ, ηєє∂ уσυ ♥♥●•)
Wednesday, October 5, 2011
•●♥♥ ι ℓσνє уσυ S, мιѕѕ уσυ s, ηєє∂ уσυ S ♥♥●•
हर एक रूप में तेरा इंतज़ार करते हैं......!!
न तुम समेट सकोगी जिसे क़यामत तक !
कसम तुम्हारी तुम्हे इतना प्यार करते हैं !!
दूर कही मेरी नजरो में रहती हो तुम !
हर लम्हा मेरे खयालों में रहती हो तुम !!
कैसे हो किस हाल में हो तुम......?!
दिल के हर सवाल में रहती हो तुम !!
चुपके से धड़कन में उतर जायेंगे !
राहे उल्फत में हद से गुजर जायेंगे !!
आप जो हमे इतना चाहेंगे......!
हम तो आपकी साँसों में पिघल जायेंगे !!
आप से जब हमारी यारी हो गई !
दुनियाँ हमारी और भी प्यारी हो गई !!
इस से पहले किसी भी चीज के आदि न थे !
पर अब आपको याद करने की बिमारी हो गई !!
जुबान खामौश आँखों में नमी होगी !
यही बस एक दास्ता-ऐ-जिंदगी होगी !!
भरने को तो हर जख्म भर जायेंगे !
कैसे भरेगी वो जगह जहाँ आपकी कमी होगी !!
आँशु आँखों से कभी गिर न पाए !
न दर्द हो तुझे न कभी चोट आए !!
मेरे हिस्से में ज्यादा ख़ुशी तो नहीं !
पर रब करे वो भी तुझे मिल जाए !!
मेरे दिल के नाज़ुक धड़कनो को !
तुमने धड़कना सिखा दिया.....!!
जब से मिला हैं प्यार तेरा !
ग़म में भी मुस्कुराना सिखा दिया !!
किस कदर मुझको सताते हो तुम !
भूल जाने पे भी याद आते हो तुम..!!
जब भी खुदा से कुछ मांगता हूँ !
मेरे दिल की दुवा बन जाते हो तुम !!
बागो - बहारो में तुम ही अच्छे लगे !
लेकिन इसमें मेरा कोई कशुर नहीं !!
कशुर हैं तो सिर्फ इस दिल का...!
जिसे हजारो में तुम ही अच्छे लगे !!
धुप तेज़ हैं साया नहीं !
दर्द ऐसा हैं रोना आया नहीं !!
तेरे सिवा किसी को अपना माना नहीं !
क्योकि किसी को तेरे जैसा रब ने बनाया नहीं !!
वक्त गुजर जाएगा याद आया करेगी !
हमारी बाते आपको अकेले में गुदगुदाया करेगी !!
याद करते और याद आया करना...!
दूरियाँ नजदीकियों में बदल जाया करेगी !!
तुम दूर हो कर भी मेरे करीब हो !
मेरे दिल से पूछो कितने अज़ीज़ हो !!
अपनी हथेली को कभी गौर से देखना !
सायद किसी लकीर में मेरा भी नसीब हो !!
जिंदगी बन के तेरे जान से गुजर जाऊँगा !
ऐसे न सता मैं तेरे दिल में उतर जाऊँगा !!
मैं तो तेरे प्यार का एक हार हूँ.....!
एक मोती भी टुटा तो बिखर जाऊँगा !!!
मेरे आगोश में मरने की दुवा करती थी !
वो मुझे अपनी जिंदगी कहा करती थी !!
बात किस्मत की हैं जो जुदा हो गए हम !
वर्ना वो मुझे अपनी तक़दीर कहा करती थी !!
एक दिन इस दुनियाँ से हम चले जायेंगे !
हजारों तारों में हम आपको नज़र आयेंगे !!
आप कोई ख्वाइश खुदा से माँगना....!!
हम उसे पूरा करने के लिए उसी वक्त टूट जायेंगे !!
कभी फूल कभी हवा बन के छा जायेंगे !
हम तो मर कर भी आपका साथ निभा जायेंगे !!
कभी आप तन्हाई में याद करना हमें...!
हँसी बनकर आपके होंठो पे उतर जायेंगे !!
अपनी साँसों में महकता पाया हैं आपको !
हर ख्वाब में हमने बुलाया हैं आपको !!
क्यों न करे हम याद आपको....!
जब रब ने हमारे लिए बनाया हैं आपको !!
कल न हम होंगे न कोई गिला होगा !
सिर्फ सिमटी हुई यादों का सिलसिला होगा !!
जो लम्हे हैं चलो हँस कर बिता ले...!
जाने कल जिंदगी का क्या फैसला होगा !!
चाहे प्यार कितनो भी दूर रहे !
प्यार के सिलसिले कभी न कम होंगे !!
जब भी लगे तुम तकलीफ में हो !
पलट कर देखना तेरे पीछे हम होंगे !!
यूँ नज़र से की बात और दिल चुरा गए !
अँधेरे के साए में धड़कन सुना गए....!!
हम तो समझे थे अजनबी आप को !
पर आप तो हमें अपना बना गए !!
चाहते हो किसी की मोहब्बत तो कहना तो होगा !
इकरार मिले या इनकार अंजाम सहना तो होगा !!
ये प्यार समंदर हैं आग का दोस्तों....!
कश्ती भले मोम की हो बहना तो होगा !!
न कोई तस्वीर न कोई निशानी थी !
न कोई जंजीर न कोई कहानी थी !!
आपका दोस्त होना इत्तफाक था शायद !
या फिर खुदा की हम पे कोई मेहरबानी थी !!
शान से हम तेरे दिल में रहेंगे !
तेरी मोहब्बत पे जान निसार करेंगे !!
देख के जलेगी हमे दुनियाँ सारी...!
इस कदर बे-पनाह प्यार तुझे करेंगे !!
रूठ जाओ कितनो पर हम मना लेंगे !
दूर जाओ कितना भी हम बुला लेंगे !!
दिल आखिर दिल हैं कोई सागर की रेत नहीं !
जो लिख के नाम आपका हम उसे मिटा देंगे !!
अब आ भी जाओ की जिंदगी कम हैं !
तुम नहीं तो हर ख़ुशी कम हैं....!!
तेरे ही दम से तो मुकमल हूँ मैं !
तू जो नहीं तो बस गम ही गम हैं !!
आपको पाने की ख्वाईस जीने से ज्यादा !
आपको खोने का डर मरने से ज्यादा...!!
आपसे बिछरने का दर्द हर दर्द से ज्यादा !
क्योकि हम आपको चाहते हैं खुद से ज्यादा !!
अधूरे मिलन की आस हैं जिंदगी !
सुख - दुःख का एहसास हैं जिंदगी !!
फुरसत मिले तो ख़्वाबों में आया करो !
आप के बिना बरी उदास हैं जिंदगी !!
अपने मतलब के लिए कभी प्यार न करना !
झूठे दिल से कभी एकरार न करना...!!
अगर न हो मोहब्बत तो कोई बात नहीं !
पर किसी से कभी झूठा एकरार न करना !!
चाहत तेरी पहचान हैं मेरी !
मोहब्बत तेरी शान हैं मेरी !!
होके जुदा तुझसे कैसे रह पाऊंगा !
तू तो आखरी साँस तक जान हैं मेरी !!
अगर वो अपनी मोहब्बत हमें बना ले !
हम उनका हर ख्वाब पलकों पे सजा ले !!
करेगी कैसे मौत हमें उनसे जुदा...!
अगर वो हमें अपनी रूह में बसा ले !!
दिल की यादों से सवारू तुझे !
तू दिखे तो आँखों में उतारू तुझे !!
तेरे नाम को मैंने अपने लबो पे सजाया हैं !
सो भी जाऊ तो ख्वाबो में पुकारू तुझे !!
आपके ख़यालों से फुरसत नहीं मिली !
एक पल के लिए भी राहत नहीं मिली !!
मिल तो जाता हैं सबकुछ इस दुनियाँ में !
बस आपके चेहरे की एक झलक नहीं मिली !!
रहे सलामत दुनियाँ उनकी !
जो मेरी ख़ुशी की फरियाद करते हैं !!
खुदा उन्हें खुशियाँ भरी जिंदगी देना !
जो हमें याद करने में एक पल बर्बाद करते हैं !!
जाने से पहले याद दे जायेंगे !
खुद सोने से पहले ख्वाब दे जायेंगे !!
आपको गिला हैं हम आपसे बात नहीं करते !
साँस रुक जाने से पहले हर जबाब दे जायेंगे !!
मेरे दिल में एक धड़कन तेरी हैं !
उस धड़कन की कसम तू नन्ही जान मेरी हैं !!
मेरी साँसों में एक साँस तेरी हैं....!
वो साँस रुक जाए तो मौत मेरी हैं !!
आशिको का नाम हर गम पे लिखा हैं !
फूलों का नाम सबनम पे लिखा हैं !!
तुझे खुद से जुदा कैसे समझू....!
तेरा नाम तो दिल की हर धड़कन पे लिखा हैं !!
वो मेरे लिए कुछ खाश हैं यारों !
जिसके लौट आने की आस हैं यारों !!
वो नज़रों से दूर हैं तो क्या हुवा !
उनके दिल की धड़कन आज भी मेरे पास हैं यारों !!
नाराज़ हम से कभी होना मत !
मुस्कान अपनी कभी खोना मत !!
जीते हैं हम आपके मुस्कुराहट देख कर !
अगर हम मर भी जाए तो कभी रोना मत !!
मेरे वजूद से लिपटी खुशबू तेरे नाम की हैं !
मेरी हर धड़कन तेरे नाम की हैं !!
इतना यकीन करले एय मेरे हम नाशी....!
बिन तेरे मेरी जिंदगी बेनाम सी हैं !!
क्या करे जब किसी की याद आए !
हर धड़कन पे किसी का नाम आए !!
कैसे कटेगी ये लम्हे इंतज़ार के...!
उसके इश्क में हर घरी मेरी जान जाए !!
एक अजनवी से बात क्या की !
सरे शहर को इस चाहत की खबर हो गई !!
क्यों न दोष दूँ दिल-ऐ-नादान को.....!
क्योकि दोस्ती का इरादा था और मोहब्बत हो गई !!
मेरा वजूद सिर्फ मेरी मोहब्बत से हैं !
मुझे गुरुर बहुत अपनी मोहब्बत पे हैं !!
मुझे चाहते होंगे और भी बहुत लोग...!
मगर मुझे मोहब्बत अपनी मोहब्बत से हैं !!
हर कदम पर हम आपके साथ हैं !
दूर होकर भी आपके पास हैं !!
आपको हो न हो पता पर रब की कसम..!
हमें आपकी कमी का हर पल एहसास हैं !!
जिंदगी में गम मिले तो मिले !
प्यार उसका कभी कम न मिले !!
मेरे खुदा तुमसे बस एक गुजारिश हैं !
चाहता हूँ मैं उसे जितना......
उस से दोगुना प्यार मुझे उसका मिले !!
किसी के प्यार को भुलाना नहीं आया !
किसी के दिल को दुखाना नहीं आया !!
किसी के याद में तड़पना तो सिख लिया !
किसी को अपनी याद में तड़पाना नहीं आया !!
प्यार ने हमें बेनाम कर दिया !
हर ख़ुशी से हमें अंजान कर दिया !!
हमने नहीं चाहा की प्यार हमें भी हो !
पर उनकी आँखों ने हमें मजबूर कर दिया !!
सब कुछ हैं मेरे पास पर दिल की दवा नहीं !
वो दूर हैं मुझ से पर मैं खफ़ा नहीं......!!
मालूम हैं अब भी प्यार करती हैं मुझसे !
वो थोरी जिद्दी हैं मगर बेवफ़ा नहीं...!!
कल तक तनहा थे आज इंतज़ार हैं !
कल तक कुछ नहीं न था आज ऐतबार करते हैं !!
यूँही आपको हिचकीयाँ नहीं आती.....!
हम याद ही आपको बार - बार करते हैं !!
दोस्ती हर चेहरे की मुस्कान होती हैं !
दोस्ती सुख - दुःख की पहचान होती हैं !!
कोई रूठ जाए तो दिल पे मत लेना !
क्योकि दोस्ती ज़रासी नादान होती हैं !!
किसी को प्यार इतना देना की हद न रहे !
पर ऐतबार भी इतना करना की शक न रहे !!
वफ़ा इतना करना की बेवफाई न रहे !
और दुवा इतना करना की जुदाई न रहे !!
दिल को खरीदने वाले हजार मिल जायेंगे !
आपको दगा देने वाले हजार मिल जायेंगे !!
मिलेगा न आपको हम जैसा कोई.....!
मिलने को तो दोस्त बेसुमार मिल जायेंगे !!
एक मुलाकात करो हम से इनायत समझ कर !
देंगे जिंदगी का हिसाब क़यामत समझ कर !!
कभी हमारी दोस्ती पर शक न करना....!
हम दोस्ती भी करते हैं तो इबादत समझ कर !!
आइना हूँ मेरे सामने आ कर तो देखो !
खुद नज़र आओगे आँखे मिला कर तो देखो !!
दिल आपका हैं जान भी दे दूँ आप पर !
बस मेरे साथ जरा दिल से निभा के तो देखो !!
न कभी मुस्कुराहट तेरे होठों से दूर हो !
तेरी हर ख्वाइश हकीकत को मंजूर हो !!
हो जाए कभी जो तू मुझसे खपा....!
खुदा न करे मुझसे कभी ऐसा कसूर हो !!
सब से अलग सबसे न्यारे हो आप !
तारीफ पूरी न हो इतने प्यारे हो आप !!
आज पता चला ज़माना क्यों जलता हैं आपसे !
क्योकि दोस्त तो आखिर हमारे हो आप !!
तेरी ख़ामोशी मुझे तेरी ओर खिचती हैं !
मेरी हर आह तेरी तकलीफ समझती हैं !!
मालूम हैं की मजबूर हो तुम......!
फिर भी मेरी नज़र तेरे दीदार को तरसती हैं !!
ख्वाबो की बरात सजाना मुस्किल हैं !
आपकी मुलाकात को भुलाना मुस्किल हैं !!
इस कदर रंगा हैं दिल आप के प्यार में !
की इस दिल से आप को निकालना मुस्किल हैं !!
दिल में बसा एक नाम हैं !
उनकी खुशबू तक की हमें पहचान हैं !!
अगर हमारे न हो सके वो तो कोई गम नहीं !
क्योकि इश्क में लुट जाना आशिको का काम हैं !!
जिए हुवे लम्हों को जिंदगी कहते हैं !
जो दिल को सुकून दे उसे ख़ुशी कहते हैं !!
जिसके होने की ख़ुशी से जिंदगी मिले !
ऐसे ही रिश्तो को दोस्ती कहते हैं !!
मैंने कहा वो अजनबी हैं !
दिल ने कहा दिल लगी हैं !!
मैं ने कहा सपना हैं !
दिल ने कहा फिर भी अपना हैं !!
मैंने कहा मेरी हार हैं !
दिन ने कहा यही तो प्यार हैं !!
तेरी याद में जियेंगे मरेंगे !
तुझे अपनी पलकों में छुपा लेंगे !!
उस चाँद से हमें क्या लेना....!
हम तो इस धरती के चाँद को सिने से लगा लेंगे !!
हस्तिया मिट गई नाम कमाने में !
उम्र बीत गई एक खुशियाँ पाने में !!
एक पल में दूर न हो जाना हम से !
हमें तो सालो लगे हैं आप जैसा दोस्त पाने में !
उनकी याद बेचैन बना जाती हैं !
हर जगह हमें आपकी सूरत नज़र आती हैं !!
कैसा हाल किया आपके प्यार ने.....!
नींद भी आती हैं तो आँखे बुरा मान जाती हैं !!
मेरे मोहब्बत का एतबार कर लो !
भुला के ज़माना हम से प्यार कर लो !!
चुरा लेंगे एक दिन जहाँ से तुझे....!
चाहे जितना भी तुम इनकार कर लो !!
आँखे थक गई आपके इंतज़ार में !
वक्त ने लुटा हमें भरे बाज़ार में !!
क्यों नहीं आए आप हमसे मिलने !
हम में कमी थी या हमारा प्यार में !!
ये वादा हैं तुमसे हमारा !
टूटेगा न ये रिश्ता हमारा !!
अगर सांसो की डोर टूट गई !
साथ देने के लिए लेंगे जन्म दुबारा !!
तू ही बता दिल को समझाऊ कैसे !
जिसे चाहूँ उसे नजदीक लाऊ कैसे !!
यूँ तो हर तमन्ना हर एहसास हैं वो !
पर उस एहसास को ये एहसास दिलाऊ कैसे !!
हमने चाहा हैं जिन्हें वो लाखों में एक हैं !
जाना हैं हमने उन्हें वो दिल के भी नेक हैं !!
उनकी दीवानी तो सारी दुनियाँ वाले हैं !
लेकिन हमारी दुनियाँ ही वो एक हैं !!
मौजूदगी जरुरी नहीं, जरुरी तप एहसास हैं !
हम कहीं दूर नहीं, आपके आस - पास हैं !!
देखिये तो ज़रा अपने मन की आँखों से हमें !
हम तो हर कदम पर आपके साथ - साथ हैं !!
आइना देखोगे तो मेरी याद आएगी !
साथ गुजरा वो मुलाकात याद आएगी !!
पल भर के लिए वक्त ठहर जाएगा !
जब भी आपको मेरी कोई बात याद आएगी !!
जिंदगी में कुछ न मिला तो क्या ग़म हैं !
आप जैसा दोस्त पाया ये क्या कम हैं !!
एक छोटी सी जगह पाई हैं आप के दिल में !
वो जगह क्या किसी ताजमहल से कम हैं !!
रोज़ एक नई सिकायत हैं आपसे !
न जाने कैसी चाहत हैं आपसे !!
कहने को तो बहुत लोग हैं हमारे आस - पास !
दिल को न जाने कैसी मोहब्बत हैं आपसे !!
कोई आँखों से बात कर लेता हैं !
कोई आँखों में मुलाकात कर लेता हैं !!
बड़ा मुस्किल होता हैं जबाब देना !
जब कोई खामोश रह कर सवाल के लेता हैं !!
फिर दूर से एक बार सता दो मुझे !
मेरी तन्हाई का एहसास दिला दो मुझे !!
तू तो रौशनी है तुझे मेरी ज़रूरत क्या होगी !
मैं दिया हूँ किसी दहलीज़ पर ही जला दो मुझे !!
रुला कर वो हमें खुश हो जायेंगे !
साथ में न सही दूर जाके मुस्कुरायेंगे !!
दुवा हैं खुदा से उनको दर्द न देना !
हम तो सह गए पर वो टूट जायेंगे !!
हर खामौशी में दो बात होती हैं !
हर दिल में एक याद होती हैं !!
आपको पता हो या न हो ...!
आपकी ख़ुशी के लिए रोज हमारी फरियाद होती हैं !
अब इस इंतज़ार की आदत सी हो गई हैं !
ख़ामोशी अब एक हालात सी हो गई हैं !!
न शिकवा न शिकायत हैं किसी से .... !
क्योकि अब अकेलापन से मोहब्बत सी हो गई हैं !!
कभी कभी मोहब्बत में वादे टूट जाते हैं !
इश्क के कच्चे धागे टूट जाते हैं !!
झूठ बोलता होगा चाँद भी.... !
इसलिए तो रूठ के तारे टूट जाते हैं !!
वो खुद नहीं जानते वो कितने प्यारे हैं !
जान हैं हमारी हमें जान से प्यारे हैं !!
लोगों के कहने से क्या होता हैं !
वो कल भी हमारे थे आज भी हमारे हैं !!
मोहब्बत भी अजीब सी होती हैं !
हर लम्हा उनकी कमी सी होती हैं !!
चाहते हैं उनको इस कदर हम !
ज़रा सी खरोच उनको लगे तो हमें तकलीफ होती हैं !!
किसी न किसी पे किसी को एतवार हो जाता हैं !
अजनबी कोई शक्स यार हो जाता हैं .....
खूबियों से नहीं होती मोहब्बत भाई साहेब ...
खामियों से भी अक्सर प्यार हो जाता हैं !!
आशिक आँखों ही आँखों में बात समझ लेते हैं !
सपनो में मिलने को मुलाकात समझ लेते हैं !!
रोता हैं ये आसमा भी ज़माने के लिए .....
पागल हैं लोग उसे बरसात समझ लेते हैं !!
ग़म में हँसने वाले को रुलाया नहीं जाता !
लहरों से पानी को हटाया नहीं जाता !!
होने वाले हो जाता हैं खुद ही दिल से अपने !
किसी को कहकर अपना बनाया नहीं जाता !!
आपकी याद सताए तो हम क्या करे!
आपसे अगर दिल मिलना चाहे तो क्या करे!!
लोग कहते हैं की सपनो में भी होती हैं मुलाकात!
लेकिन निन्द न आये तो क्या करे !!
हर आदमी की किश्मत में तस्वीर नहीं होती!
हर किसी की एक जैसी तक़दीर नहीं होती!!
और भी होगे हम जैसे बदनशीब दुनिया में!
जिसके हाथो में मोहब्बत की लकीर नहीं होती!!
ये दुनियाँ गम तो देती हैं !
सरीके गम नहीं होती !!
किसी के दूर होने से !
मोहब्बत कम नहीं होती !!
आशिक आँखों ही आँखों में बात समझ लेते हैं !
सपनो में मिलने को मुलाकात समझ लेते हैं !!
रोता हैं ये आसमा भी ज़माने के लिए .....
पागल हैं लोग उसे बरसात समझ लेते हैं !!
ग़म में हँसने वाले को रुलाया नहीं जाता !
लहरों से पानी को हटाया नहीं जाता !!
होने वाले हो जाता हैं खुद ही दिल से अपने !
किसी को कहकर अपना बनाया नहीं जाता !!
हर आदमी की किश्मत में तस्वीर नहीं होती!
हर किसी की एक जैसी तक़दीर नहीं होती!!
और भी होगे हम जैसे बदनशीब दुनिया में!
जिसके हाथो में मोहब्बत की लकीर नहीं होती!!
मोहब्बत के बिना ज़िन्दगी फिजूल हैं !
पर मोहब्बत के भी अपने उसूल हैं !!
कहते हैं मिलती हैं मोहब्बत में बहुत उल्फ़ते !
पर आप हो महबूब तो सब कबूल हैं !!
कसूर ना उनका हैं ना मेरा !
हम दोनों ही रिश्तों की रस्में निभाते रहे !!
वो दोस्ती का एहसास जताते रहे !
हम मोहब्बत को दिल में छुपाते रहे !!
आँखों में आसूँ आ जाते हैं !
फिर भी लबो पे हँसी रखनी परती हैं !!
ये मोहब्बत भी क्या चीज हैं यारो !
जिससे करते हैं उसी से छुपानी परती हैं !!
कसूर ना उनका हैं ना मेरा !
हम दोनों ही रिश्तों की रस्में निभाते रहे !!
वो दोस्ती का एहसास जताते रहे !
हम मोहब्बत को दिल में छुपाते रहे !!
मोहब्बत के बिना ज़िन्दगी फिजूल हैं !
पर मोहब्बत के भी अपने उसूल हैं !!
कहते हैं मिलती हैं मोहब्बत में बहुत उल्फ़ते !
पर आप हो महबूब तो सब कबूल हैं !!
वो वक्त वो लम्हे अजीब होंगे !
दुनियाँ में हम खुश नशीब होंगे !!
दूर से जब इतना याद करते हैं आपको !
क्या हाल होगा जब आप हमारे करीब होगे !!
दिल में इंतजार की लकीर छोर जायेगे॥
आँखों में यादो की नमी छोर जायेगे !
ढूंढ़ते फिरोगे हमें एक दिन ........
जिन्दगी में एक दोस्त की कमी छोर जायेगे !!
उनका हाल भी कुछ आप जैसा ही होगा !
आपका हाले दिल उन्हें भी महसूस होगा !!
बेकरारी के आग में जो जल रहे हैं आप !
आपसे ज्यादा उन्हें इस जलन का एहसास होगा !!
फिर दूर से एक बार सता दो मुझे !
मेरी तन्हाई का एहसास दिला दो मुझे !!
तू तो रौशनी हैं, तुझे मेरी जरुरत क्या होगी !
मैं दिया हूँ, किसी दहलीज पे ही जला दो मुझे !!
भुलायेगे वो लोग, भूलना जिनका काम हैं !
हमारी तो रिश्तो के बिना, गुजरती नहीं साम हैं !!
कैसे भूल सकते हैं हम उन रिश्तो को ?
जो हमारी जिंदगी का दूसरा नाम हैं !!
तुम्हारे सवाल का जबाब हम देंगे !
फूलो से ज्यादा प्यार हम देंगे !!
भरोसा रखना हमारी चाहत पर !
जब तक चाहोगे तब तक साथ हम देंगे !!
नज़र ने नज़र से मुलाकात कर ली !
रहे दोनों खामोश, पर बात कर ली !!
मोहब्बत की फिजा को जब खामोश पाया !
इन आँखों ने रो - रो कर बरसात कर ली !!
दिल को धड़कना आपने सिखाया !
आँखों को रुलाना आपने सिखाया !!
कैसे करे बेवफाई आपसे ?!
प्यार करना भी तो आपने सिखाया !!
दोस्ती न कभी इम्तिहान लेती हैं...
दोस्ती न कभी इम्तिहान देती हैं !
दोस्ती वो जज़्बा हैं जो......
बारिस से भींगे चेहरे पर भी आंसुओ को पहचान लेती हैं!!
आपकी हर खता मंजूर हैं !
आपका हर शिकवा कबूल हैं !!
नहीं जानते क्या रिश्ता हैं आपसे मेरा !
पर जो भी हैं वो मुझे तहे दिल से कबूल हैं !!
प्यार शब्दों का मोहताज़ नहीं होता !
दिल में हर किसी का राज़ नहीं होता !!
क्यों इंतजार करते हैं सब वेलनटाइन्स डे का ?!
क्या साल का हर दिन प्यार का हकदार नहीं होता ?!!
हर रात इंतजार में गुजरी !
ज़िन्दगी बेबसी की सैलाब में गुजरी !!
हम वो फूल थे जिसे वो रख कर भूल गए !
फिर तमाम उम्र उनकी कीताब में गुजरी !!
हिचकियाँ धडकनों से तेज़ होने वाली हैं !
ज़रूर कोई बात होने वाली हैं !!
या तो वो बिछर रहे हैं मुझसे !
या उनसे मुलाकात होने वाली हैं !!
हम किसी को पाने की जिद में हैं !
शायद कोई हमें आजमाने की जिद में हैं !!
जिसकी चाहत हैं हमें इतनी शिदत्त से !
शायद वाही हमें भूल जाने की जिद में हैं !!
जिस दिन आपका दीदार हो जाता हैं !
उस रात सोना दुस्वार हो जाता हैं !!
मरता हैं कोई मुझ पर भी !
ये सोच कर अपने आप से भी प्यार हो जाता हैं !!
हकीकत को समझा करीब आने के बाद !
समझा मोहब्बत को दिल लगाने के बाद !!
मुझे अपना गम नहीं, दुःख उनका हैं !
कौन चाहेगा इतना उसे मेरे जाने के बाद !!
आज मोहब्बत से मुलाकात हो गई !
मेरे दिल की बातों में वो इस कदर खो गई !!
जब पूछा मैंने की आती हैं याद मेरी...
तो वो खामोश होकर मेरी बाहों में सो गई !!
Tuesday, September 27, 2011
~~~ ~~~~~ मै और मेरी शायरी ~~~~~ ~~~
लगता है गुजर गये कितने जमानें
दिल वही सुकून पाने के लिये फिर
तलाशता रहता है कैसे कैसे बहाने
मिलते हो जो रात की तनहाई मे
खुश हो के दिल लगता है इतरानें
अब आबाद करो या करो बरबाद
रख दिया खुद को रुख-ए-निशाने
मान भी लो बात अपने दिल की
ना जाओ इन शोलों को सुलगानें
जल जाओगे तडप की इस आग मे
देखना ना आएगा कोई फिर बचाने
कांटे भी फूल से लगने लगे है
तारे भी मेरे साथ जगने लगे है
कैसी मस्ती है छाई दिल-ओ-जान पे
प्यार के शोले यों सुलगने लगे है
होश है संभाला हम ने आज चोट से उभर के
सीख ही लिया जीना बिना किसी हमसफर के
नये अझमत से चल रहे है अब उन गलियों मे
जिन मे कभी घुमा करते थे हम डर डर के
इन धडकनों से मजबूर हो गये
निन्दें हमारी हो गई दुशवार
तेरे खयालो मे चूर हो गये
साथ जो मिल गया तुम्हारा
सारे गमों से हम दूर हो गये
तेरे चर्चे तो लाखों मे थे ही
हम भी अब मशहूर हो गये
दिल ये तुम्हारा हँसाता है कभी और कभी रोता है क्या ?
सुनहरे रात मे जागता और भरे दिन मे ये सोता है क्या ?
तनहाई मे आह भरता है और महफिल मे खोता है क्या ?
ये प्यार ही है जानम, अब आगे आगे देखो होता है क्या !
नयी है ये दोस्ती, नया है ये हमसफर
नया है ये जसबा और नयी है ये डगर
किस अनजाने मोड पे मिल जाए कोई
किसी को क्या पता, किसी को क्या खबर
दिल की बात ना सुन ऐ मेरे हमसफर
दिमाग को फिर शायद पछताना पड़ेंगा
ये तो भाग जाएगा दो नैना मिला के
हाल-ए-दिल जबान को ही जताना पड़ेंगा
मजा आने लगेंगा इतना इस बिमारी मे
पागलपन मे खुद को सताना पड़ेंगा
गर लग जाए बेवफाई का एक दाग
खून के कतरे से उसे हटाना पड़ेंगा
मिले थे हसिन लम्हे जितने मुलाकात के
किश्तों किश्तों मे उन्हें लौटाना पड़ेंगा
लूट जाओगे मुहब्बत के चक्कर मे, फिर
किस्मत के दरवाजों को खटखटाना पड़ेंगा
बुलाया करेंगे कई लोग दीवाना तुम्हें
हर गली से रोज एक नया ताना पड़ेंगा
इतना सताएगा ये जमाना तुम्हें, के
अकेले मे भी फिर झटपटाना पड़ेंगा
खुशी मेरे दिल की महसूस करना है अगर
आना होगा तुम्हें ख्वाब-ओ-खयालों मे मेरे
तुम्हारे ही आने से आई है जिन्दगी मे बहार
खोया रहता हूं अब मै बस सवालों मे मेरे
दिल ये चाहे, के सारे दुनिया से दूर जा के
अब जिन्दगी की राहगुजर हो महलों मे तेरे
आखिर क्या है जीना अब समझ मे है आया
जन्नत की खुशियॉ जो है पाई पहलू मे तेरे
चोट खा ली पहले ही मुहब्बत मे इतनी
के, जुर्रत नही ये खता करने की दोबारा
जान ली एक पल मे हम ने हैसियत अपनी
लगा सदमा दिल को कुछ ऐसा करारा
जन्नत की खुशियॉ तो नही मांगी थी
मांगा था हम ने बस एक साथ तुम्हारा
अपने ही मुकद्दर को कोस रहे है अब
बिना लकीरों के बन गया नसीब हमारा
लढते थे नैन जिससे कभी महफिल मे
तरस गये है पाने को उसका एक इशारा
पिलाया था कभी जिसने जाम अपनी आखों से
उस जालिम ने ही आज ये नशा है उतारा
बैठे रहे उसकी याद मे एक आस लिये
ना आए पास हमारे, ना ही हमे पुकारा
हालत बना गए कुछ ऐसी इस आशिक की
कहने लगी है दुनिया इसे अब बेचारा
हुआ करती थी कभी रातें जिसकी जवां
आज फैला है दिन मे भी कैसा अंधियारा
चलते थे जो कभी हमराह बनके हम
आज मिलता हुं मै उन गलियों मे मारा मारा
हम जीना चाहते है बनके जिनका हमसफर
आज कल करते वो बाते खुद-खुशी करने की
लाख उठाए सवाल ये दुनिया हमारे रिश्ते पे
साथ होगे हम मगर, बात नही ये डरने की
वक़्त आ गया है अब कुछ कर दिखाने का
घडी नहि है ये जानम ठंडी आहें भरने की
होगा ना मुझसे बुरा कोई, समझ लो आज
फिर सुनी बात अगर मारने और मरने की
हम ही से शरमाना और हम ही से परदा
हम ही से घबराना, हम ही से शिकायत
ये सब है निशानियाँ प्यार के इकरार की
आप ही का शुक्रिया, आप ही की इनायत
हम ही से ईतराना, हम ही से दिल्लगी
हम ही से बिछडना, हम ही से हिदायत
सम्भाल सको तो कोशिश कर के देख लो
प्यार ही है ईबादत, प्यार ही है निहायत
किसी की याद मे ये दिल जब बेकरार होता है
इन्तजार का हर लम्हा जब मजेदार होता है
दिल तो वैसे भी धडकता है जीने के खातिर
मरने को जब वो तडपे, तब ही प्यार होता है
सामना करो तुम हकिकत से
आज मे जीना सीख लो यार
ख्वाब देखना कभी फुरसत से
डूबते माज़ी को तिनके के सहारे बुलाया उसने
हम तो कब के भूल गये थे उनके घर का पता
हमारे ही गली मे आ के हमें फिर रुलाया उसने
लहू लोहान करने के इरादे था तीर चलाया उसने
अपने हुस्न का जहर मेरे ज़िस्म मे फैलाया उसने
छोड चुके थे उम्मीद उनको हमसफर बनाने की
बेवफाई का इलज़ाम दे के कब्र मे है सुलाया उसने
बंजर गुलिस्तां मे एहसास का बीज बोया उसने
परवरिश से एक बाग़बान का फ़र्ज़ निभाया उसने
हम तरसते रहे उनका एक करम पाने के इरादे
पहले मुलाकात मे ही कर दिया हमें पराया उसने
दूर से ही देख के अंजाने मे हमें अपनाया उसने
हुस्न के शोले से सख्त बरफ को पिघलाया उसने
हम खोए ही रह गये दिन रात उनके खयालों मे
जाने किस घडी मे हम से उठा लिया साया उसने
सोए अरमानों को एक ही इशारे से जगाया उसने
गर्द पडे रूह को चाहत के दीदार मे नहलाया उसने
फिर जरूर बरसेगा वो प्यार, फिर आएगी वो बहार
यहीं कहके फिर आज मेरे दिल को मनाया उसने
सुलझे हुए शक्स को जाल मे अपने उलझाया उसने
जाम पिला पिला के है बेहोशी तक बहकाया उसने
जो डूब गया था कभी उनकी बाहों की आहोश मे
एक बून्द पानी के लिये है आज उसे तरसाया उसने
मेरे खामोश चलती जिन्दगी मे तूफान लाया उसने
ना जाने जन्नत के किस खुशी को है पाया उसने
हम ने तो जीना सीख लिया अब अपनी तनहाई मे
नही जानती वो मगर, आज किसे है खोया उसने
अकेली रातें तेरी याद मे मर मिटने को बेकरार है
दिन भी तेरी उम्मीद मे गुजर जाने को तैयार है
ऐसी प्यास लगी है जालिम, दिल मे तेरे चाहत की
मिटेगी तेरे आने से, जो बरसात को भी दुशवार है
इस दुनिया की भरी महफिल मे, दिलवाले हजार है
तनहाई मे हर शक्स, लेकिन आज यहां बेजार है
मिलता नही है मुकम्मल हमसफर सभी को यहां
बस कहने के लिये ही ये दिलवालों का बाजार है
हँसी पे मत जाओ, मेरे घावों मे अब भी उभार है
ये हंसना तो बस, दर्द छिपाने का एक औजार है
दफन हो जाउंगा यों ही एक दिन, तो लोग कहेंगे
देख लो, एक और मस्तानें आशिक़ ये माजार है
इश्क़ ये मेरा फिर भी जिन्दा है-- प्यार की शाखें बाकी है थोडी
दिल मे उनके, घर बसाने का--सपना दिल ने पाला था कभी
आस लगाए बैठे है अब भी--उम्मीद ये हम ने नही है छोडी
पहले नजर का प्यार भुला के--भूल गई जालिम वो सीना-जोरी
साथ पे जिन के नाज़ था हमें--गांठ बन्धन की वही है तोडी
दिल ये अब उदास सा रहता है--रह रह के दुख ये सहता है
चलते थे जो कभी हाथ पकड--राह उन्होनें आज अपनी है मोडी
उन्हें देखने का हमें कोई शौक नही
फूलों की खुशबू नही हम मे, मगर
आज कल बदलने लगे है उनके तेवर
बेशर्म हो के मिलते है वो दुश्मनों से
कबूल किया जो आप ने नजरना हमारा
बनाया है आशिक़ तुम ने, कहना है सब का
दामन जो छुपा रहे हो, लगा है कहीं कोई दाग
अब तो बढ चुका है ये दर्द-ए-दिल हद से आगे
पीना मेरा कोई शौक नही, पीना मेरी मजबूरी है
तुम दिल के पास हो, फिर भी कितनी दूरी है
समझौता ही है ये, सच्चाई से दूर भागना नही
जान लो बस इतना, जिन्दगी तुम बीन अधूरी है
जानता हूं पर मानता नही, आदत ये बडी बुरी है
मेरा नशे मे रहना, गम भुलाने के लिये जरूरी है
कयामत से पहले ना सही, जन्नत मे मिलेंगे जरूर
इमान ना समझो इसे यारो, ये हमारी मगरूरी है
पी मगर ऐसी जगह जहां ना हो कोई शोर
यहॉ खुशी मे तो पी लेते है सभी, मगर
मर भी ना पाए, सँभल भी ना पाए हम
शुक्रिया अदा करे कब उस बनाने वाले का
सांसों मे मची है हलचल, मचा है नया शोर
खुद को तो रोक लूँ धडकनों को कैसे रोकू मगर
धडकनों की आहट भी करती है तुमको सलाम
सीने मे चलती सांस लेती है बस तुम्हारा ही नाम
एक ही चाहत है अब
पैरों के नीचे पनघट यों चलती रहे
सांस लेती रहे भिनी खुशबू बांहों मे
या फिर छुपा रही हो मुझसे कोई गम
अगर कहती हो कही कोई बात नही, तो
सितारे जब होते थे पहलू मे खामोश रात के
कहा करती थी दिल लगाना तुम्हारा काम नही
कत्ल कर चली गई उसकी एक अंगडाई
इतना ना प्यार करो कहता था उसे
हम वो है जो यारी दोस्ती भुलाते नही
आपकी शरारतों से मजा आता है जरूर
क्या जानु मै, ये जागा है या सो गया है
है ये अपनी ही जगह, या कही खो गया है
तूफानों से नही होती गुजारीश
हर कदम पे रास्ता रोकेगा ये
ज़हन मे जो उनकी याद आई
आती थी ख्वाबो मे रोज कभी
धडकनो मे दर्द है कितना, महसूस कर के देखलो
चाहतो मे दम है कितना, कभी दिल लगा कर के देखलो
सुखा पडा है सीने मे कितना, भीगे बदन से देखलो
मिलने मे आखिर क्या मजा है, कभी बिछड के देखलो
हक़िकत मे कुछ नही है ज़ानम, सपने सजा के देखलो
यादों मे सुरूर है कितना, कभी याद कर के देखलो
उनके सुलझे लटों को उलझाना चाहता हूं
आंचल सीने से ढलने की तमन्ना है बस
दीवानों की भिड मे गुम होने वालों मे से हम नही
थाम लेगा हाथ जरूर कोई राह चलता मुसाफिर
याद आते होंगे तुमको हम दिन के उजालों मे भी
भूला ना पाओगी जिन्दगी के वो मुकम्मल लम्हें
हमें उन्होनें जाम पिला पिला के मारा
हम गये थे जीतने की तमन्ना लिये
गर दिखाई देते खुली आंखों के सपने, नजारें ना देखता कोई
महसूस होती गर सासों की सिलवटें, मलमल ना जानता कोई
ना होते गर तुम साथ हमारे,
जमानें गुजर जाएगे, मगर मुहब्बत ये जवान रहेंगी
दिल मे जतन किये रखे है इस अनमोल रतन की चमक
कारवाँ ये यों ही चलता रहेगा
उभर आना है तुम्हें हर मुकाम पे
मेरे बीन तू अकेली है, तू हां कहे या ना कहे
दुनिया से सही मगर खुद से क्या झूठ कहना
नाकामयाबी मे भी पर शरीक हम होंगे
सम्भाले रखना हमारे दोस्ती का नजराना
इन कातिल निगाहों से हमें खतरा लगता है
रात - दिन कैसे गुजरते है पता नही चलता
बातें करता है जो ऐसी, वही प्यार को खोता है
करना है प्यार तो उम्मीद के साथ करो यारो
जो दिल धडका फिर तेरी याद आई
आंखों ने महसूस किया उस हवा को
दोस्त हमारे इस हालत पे हंसने लगे है
ऐसी छाइ खुमारी नाचीज की इस दिल पे
कोई पागल कहे तो कोई दीवाना कहे
कोई इलाज नही इस बीमारी का दुनिया मे
आंखें रहती है नम आज कल कुछ ज्यादा
आस लगाए बैठे है ईस उम्मीद मे, के
क्या वो सुन पाएगी दिल से निकली हुई सदा
अगर निभाना चाहता है दोस्ती ऐ मेरे दोस्त
उन्हें क्या पता हम यहा जित-ए-जी मर रहे है
खत्म हो जाए ये लम्बा सफ़र इस परदेस मे जल्दी
शाम को घर जाके आइना देखुं तो लगता है
इस अनजान से शहर मे
पास आके हमारे उनका बदन हिल जाता है
कोई उन्हें ये बताए के दूर ना जाए हमसे
गहराई उनके आंखों की बादलों मे कहा
देखो यारों उनको कभी मेरी नजर से
मेरे उजडे गुलिस्तां मे महक सी छा जाए
कोई उनको बताए, वो हमारे लिये क्या है
एक पल का पागलपन, एक पल की दीवानगी
ये बस काम है उन जिन्दा मुर्दो का
हालत कुछ यों थे के हम प्यार कर बैठे
तुम्हारा आना ज़िंदगी मे एक तूफान था
इतना मचलने दोगे उसे तो मुश्किल मे आओगे
वह तो एक मतवाली और चंचल हंसीना है
क्या ये नशा इस मतभरे जाम क है,
दिल कहता है सम्भल जा ऐ दीवाने
उम्मीद है तुम तो साथ निभाओगी
निकलेगी इस दिल से जबभी कोई आह
धडकनो पे भी लग गया है ताला
दबाए रखा था जो दर्द ईस दिल मे
के अब खुद पे आने लगा है तरस
बूंद बूंद को ना तरसा मुझको साजन
जो भले भलों के उडा सकती है होश
हमें कोई शिकवा नही तुम्हारे इरादों पे
की हमें हिचकियां आना बन्द हो जाए
याद हमे थोडा दिल से किया करो
ख्वाबो मे आपका आना ये क्या कम है
छोटी छोटी बातों से क्या रूठना यारो
देखा ना करो ऐसे, दर्द सा लगता है
सुनाया ना करो अपनी मतभरी आवाज
चेहरा तुम्हारा आंखों मे छुपा के लाया हूं
तुम मेरी हो, तुम्हें बस ये बता नही पाया हूं
आपको एक शक्स जरूर दिल से याद आएगा
भूल जाओगे तुम जमाने के दिये सारे गम
हमारे पास खुद आ बैठी है जन्नत
खुदा दिलदार है कितना, चला है पता आज
जिन्हे हादसा समझ कर चहता है भुलाना
गुजारीश है उस जालिम से तह-ए-दिल से
खुशियॉ के पल दबोचने लगे है
अपनोसे जरा हम बचने लगे है
जबसे कर बैठे है हम इजहार-ए-दिल
ऐ जालिम दिन मे मुश्किल है मिलना
वो तो परछाई होती है किसी शक्स की
उसका भी अपना एक कीरदार होता है, पर
ना जाने छा गई दिलपे, कैसी जादूगरी
रहती है वो सेहमी सी, और कुछ डरी
हम सांस भी नही लेते, और मरते भी नही
बदनाम हो गए है उनके प्यार मे इतने, के
तो कोई कहे, ये आग का दरिया है
हम कहते है, जन्नत ही जन्नत है
वो परी परदे से निकल सामने आई है
अब मत हिचकिचाओ नजर मिलाने से
सांसों की गहराइ मे खुद को भूल चाहता हूं
आंखों की सच्चाई मे, पापो से धूल जाना चाहता हूं
क्या जाने चलता रहता है इस दिल-ओ-दिमाग मे किस का खयाल
बदलते है करवटे बिस्तर पे पडे पडे तेरी याद मे, की
बेगुनाह खुदको कह नही सकता
दिया है दिल का ऐसा हँसी दर्द तुमने
उनकी एक झलक की तमन्ना मे, दिदार के ख्वाब चूम रहे है
नही पता था हमें, जुदाइ के बाद आएगी जालिम की इतनी याद
मुकद्दर से ही लढी थी आंखें दो अनजान
मुकद्दर ही मिलाएगा फिर दो दिलों को
फिलहाल दिल भी घुट घुट के रो रहा है
तडप इस दिल की तुमसे बेहतर कौन जाने
हम तो सारी जिन्दगी साथ निभाना सोच रहे थे
लगेंगा तुम को भी कुछ ऐसा, याद करोगे जब
और किसी पे मर मिटने वाले तुम न थे
आदत सी पड जाएगी तुम्हें याद करने की
जब बिना उम्मीद आता है उनका होई पैगाम
मिलते नही वो, तो याद ही कर लेते है
जरूर छुपा रही हो, दिल मे कोइ दर्द
बताओगी तो, होग कुछ कम एहसास
किया प्यार तुमने मुझे और मैने तुम्हे रात दिन
शायद भुल जाओगी तुम जिन्दगी की बाकी सारी रातें
जो हाल-ए-दिल लब्जों मे बयान करते है
लिख लेते है हम कुछ, जज़बात मे बेहके
इसे सम्भाल के रखना ऐ मेरे हुजूर
चाहेंगे तुम्हें इस कदर जान-ए-जाना
प्यार करो तो ऐसे करो, की यार जताने पे मजबूर हो जाए
लिखो तो ऐसे लिखो, हर शब्द गाने पे मजबूर हो जाए
होता नही दिन, बिना तेरे खयाल के, इस दीवाने का
अब जीना मरना मेरा, बस तेरे खातिर है, क्यूंकी
सोचता हु, हाल-ए-दिल ही बयान कर दिया जाए
है खूबसूरत, जो बस गई है दिल की डोली मे
रात रात जाग किसिका इन्तजार करे वो दीवाना नही होता
इस जहां मे इन्सानियत के और भी कइ उसूल है, मगर
हम रिश्तों को भुलाने वालों मे से नही
हमारे प्यार का दामन छुडा ना पाओगे
उनकी याद में आज कल तबीयत कुछ नम है
भुलाना उनको मुश्किल ही नही नामुमकिन है
मुहब्बत के मचधार मे पुराने साहिल भूल जाते है
हम मगर याद रखेंगे हर वो मदहोशी भरी रातें
और आती है उनकी याद रात कि तनहाइयों में
आंखें बन्द कर देख लेता हूं वो हसीन चेहरा
टिमटिमाते तारे और चमकते मोतियों से पुछलो
एक हि जवाब मिलेगा जब चलेगी बात उस दिलबर की
गुलाबों की लाली है होंठों मे मेरे यार की
जुगनू की चमक है आंखों मे मेरे यार की
कस्तूरी की महक है बांहों मे मेरे यार की
रेशम की कोमलता है बालों मे मेरे यार की
अब्र की मलमलता है गालों मे मेरे यार की
कोयल की मिठास है बातों मे मेरे यार की
प्यार करना है तो करो जरा इमान से
जमाने को दिखाके क्या खाक करोगे
लेहरो को चीर कर मन्ज़िल के तरफ़ बढना जानता हू
बेहती हवाओ की खुशबू भी देगी गवाही इस बात की
जिसे दिल ढुंड राहा है क्या जाने वो काहा होगा
मेरे चेहरे की मुस्कुराहट पे मत जाओ यारो
पर कभी मेरी याद आये तो रोना नही
लम्हे तो खैर आते और जाते रहेंगे
आज देखली हमने दोस्तो की दोस्ती
और देखली दुनिया की दुनीयादारी
उतर गया नशा गलत वहमी का
उड गयी एक पल मे सारी खुमारी
दुनिया की इस भरी महफ़िल मे
सोचते थे अकेले तो नही है हम
पता चला बस एक वही है हमसफ़र
जिसे केहता हु मै “मेरि शायरी”
रोज लिखते हो आज कया हो गया, न कोइ नज़्म न कोइ साज़
मै बोला, दिल मे मेरे अब न कोइ तडप, न जलन, न कोइ राज
जुदा हुए वो
जिनके लिये होते थे कागज़ निले, प्यार पे जिनके था हमे नाज
साकी के होंठों की मिठास उसमे मिलती है
अकेले जलना भी क्या जलना, मज़ा तो तब है
जब शम्मा भी परवाने के साथ जलती है
कभी हार कभी जीत इसके दो रंग है
ज़िन्दगी से गीला शिकवा क्या करना
तुझ जैसा दोस्त हर घडी अगर संग है
तपते दिन के बाद सुनहरी रात जरूर होगी
चान्द सितारो के साथ तुम्हरी बात जरूर होगी
कभी दिल की आवाज से पुकारो तुम किसी दोस्त को
अपने दोस्ती की कसम, फ़िर मुलाकात जरूर होगी
संजोते है वो घड़िया और वो पुरानी बातें
मेरे इन्तजार का हर गम भूल जाओगि तुम
सितारे गवाह है, होंगी फिर रूमानी मुलाकातें
ये नजर अक्सर खा जाती है धोका
उनसे नजर जो मिली भिगी सी रात मे
दिल को गुम होने से पर नज़रोंने ना रोका
कत्ल करना उनका पेशा है
कभी हमें भी मार डालो जाना
ये बन्दा हाजिर हमेशा है
Sunday, September 25, 2011
दुनिया में किसी पे यकीं नही करना !!!
रिश्तों के मायने शायद बदल जायेंगे
पर यकीं रखना हमारी दोस्ती पे सनम
तन्हाई में याद करना और हम नज़र आएंगे.
रात के अँधेरे सुबह खो जाते है
हम गम के राहों में भी मुस्कराते है
दुनिया में किसी पे यकीं नही करना
यहाँ वक़्त से भी जल्दी लोग बदल जाते है
फूलों सी खुशबू तुम्हारे दामन से आयेगी
अँधेरी रातों की मनहूसियत गुजर जायेगी
आज है तो ना समझो मेरी कीमत मेरे दोस्त
हम ना होंगे, तुम्हें मेरी याद बहुत आयेगी
किसी को दवा किसी को दुआ काम आयेगी
कीमत मेरी दोस्ती करके समझ आयेगी
हम तो गम के भी हमसफ़र बन जाते है
आज नही तो कल ये बात तुमें याद आयेगी
तुम्हें तुम्हारी चाहतों कि दुनिया हासिल हो
मेरे दोस्त मेरी हर ख़ुशी में शामिल हो
हम तो परवाने है और मेरा ठिकाना कहां
वो हर शै तुम्हें मिले जिसके तुम काबिल हो
आज से हर पल तुम्हारा गुलाम होगा
खुदा भी तुम पे मेहरबान होगा
मुझे पता है ये दोस्ती कबूल करोगे
यहाँ हर इन्सान तुम्हारा होगा
किसी के इतने पास न जा
के दूर जाना खौफ़ बन जाये
एक कदम पीछे देखने पर
सीधा रास्ता भी खाई नज़र आये
किसी को इतना अपना न बना
कि उसे खोने का डर लगा रहे
इसी डर के बीच एक दिन ऐसा न आये
तु पल पल खुद को ही खोने लगे
किसी के इतने सपने न देख
के काली रात भी रंगीली लगे
आंख खुले तो बर्दाश्त न हो
जब सपना टूट टूट कर बिखरने लगे
किसी को इतना प्यार न कर
के बैठे बैठे आंख नम हो जाये
उसे गर मिले एक दर्द
इधर जिन्दगी के दो पल कम हो जाये
किसी के बारे मे इतना न सोच
कि सोच का मतलब ही वो बन जाये
भीड के बीच भी
लगे तन्हाई से जकडे गये
किसी को इतना याद न कर
कि जहा देखो वोही नज़र आये
राह देख देख कर कही ऐसा न हो
जिन्दगी पीछे छूट जाये
ऐसा सोच कर अकेले न रहना,
किसी के पास जाने से न डरना
न सोच अकेलेपन मे कोई गम नही,
खुद की परछाई देख बोलोगे "ये हम नही"
क्यों कहते हो मेरे साथ कुछ भी बेहतर नही होता
सच ये है के जैसा चाहो वैसा नही होता
कोई सह लेता है कोई कह लेता है
क्योंकि ग़म कभी ज़िंदगी से बढ़ कर नही होता
आज अपनो ने ही सिखा दिया हमें
यहाँ हर ठोकर देने वाला पत्थर नही होता
क्यों ज़िंदगी की मुश्क़िलों से हारे बैठे हो
इसके बिना कोई मंज़िल, कोई सफ़र नही होता
कोई तेरे साथ नही है तो भी ग़म ना कर
ख़ुद से बढ़ कर कोई दुनिया में हमसफ़र नही होता
उन काले किये पन्नो को फिर पलटने को जीं चाहता है,
आज खुद से मेरा लड़ने को जीं चाहता है,
यूं तो उन गलियों में दर्द के सिवा कुछ नही मिला मुझको,
आज उन्ही लम्हों के रास्तों से गुमशुदा हो कर गुज़रने को जीं चाहता है,
किनारों पर तो नही वो तूफानों में मेरा साथ निभाता है,
रो रोकर इन किनारों को आज रोकने को जीं चाहता है,
मुझको खबर है एक मासूम चिंगारी है मोहब्बत जो एक दिन मुझको जला देगी,
आज उसके प्यार कि आग में खुद को झोकने को जीं चाहता है,
उसकी नाजायज़ चाहतों ने हमारी मोहब्ब्बत को कहीँ का नही रखा,
इस गिरी हुई मोहब्बत को फिर एक बार उठाने को जीं चाहता है,
ठंड सी लगती है मेरे चहरे को आँसू के गीलेपन से,
इन आश्कों को सर्दियों की धुप में सूखोने को जीं चाहता है,
वो लाश को मेरी बाँहों में ले लेकर घूमता है,
हर जन्म में यूं ही सोये रहने को जीं चाहता है,
वोह मिला आज बरसों बाद लेकिन कुछ कमी सी है,
बस अब इस पल के बाद हमेशा के लिए बिछड़ जाने को जीं चाहता है,
हम दोनो तन्हा है कोई नही इस घर में,
इस रात में बस यंही ठहर जाने को जीं चाहता है,
बड़ी मुश्किल से संवरी हूँ में कई बार टूटने के बाद,
चांद पल उसके साथ गुज़र कर फिर बिखर जाने को जीं चाहता है.
ए खुदा आज ये फैसला करदे,
उसे मेरा या मुझे उसका करदे.
बहुत दुःख सहे है मैंने,
कोई खुशी अब तो मुक्द्दर करदे.
बहुत मुश्किल लगता है उससे दूर रहना,
जुदाई के सफ़र को कम करदे.
जितना दूर चले गए वोह मुझसे,
उसे उतना करीब करदे.
नही लिखा अगर नसीब में उसका नाम,
तो खत्म कर ये जिन्दगी और मुझे फना करदे।
तेरे दिले में मेरी साँसों को पनाह मिल जाये
तेरे इश्क में मेरी जान फना हो जाये
आंखें तो प्यार में दिलकी ज़ुबां होती है,
सच्ची चाहत तो सदा बेज़ुबान होती है,
प्यार मे दर्द भी मिले तो क्या घबराना,
सुना है दर्द से चाहत और जवान होती है....
फूल हूँ गुलाब का
चमेली का मत समझना ?
आशिक हूँ आपका
अपनी सहेली का मत समझना
दूर हमसे जा पाओगे कैसे,
हमको भूल पाओगे कैसे.
हम वो खुशबू है जो साँसों में उतर जाये,
खुद अपनी साँसो को रोक पाओगे कैसे
बेखुदी कि जिन्दगी हम जिया नही करते,
यूं किसीका का जाम हम पिया नही करते.
उनसे कह्दो मोहब्बत का इजहार आकर खुद करें,
यूं किसीका पीछा हम नहीं करते
रोने दे तू आज हमको तू आंखे सुजाने दे
बाहों में लेले और खुद को भीग जाने दे
है जो सीने में कैद दरिया वो छुट जाएगा
है इतना दर्द कि तेरा दामन भीग जाएगा॥
तेरे दिल में मेरी साँसों को जगह मिल जाये
तेरे इश्क में मेरी जान फना हो जाये
अधूरी सांस थी धड़कन अधूरी थी अधूरें हम
मगर अब चांद पूरा हैं फलक पे और अब पूरें हैं हम
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दोस्ती खिलते फूलों कि खुशबु मेँ है
दोस्ती ढलते सूरज कि किरणों में है
दोस्ती हर नए दिन कि उम्मीद है
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दोस्ती ख्वाब है,दोस्ती जीत है
दोस्ती प्यार है,दोस्ती गीत है
दोस्ती दो जहानो का संगीत है
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दोस्ती हर ख़ुशी,दोस्ती जिन्दगी
दोस्ती रोशनी है, दोस्ती बंदगी है
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संग चलती हवाओं में है
दोस्ती इन बरसती घटाओं में है
दोस्ती दोस्तो कि वफाओं में है
इसीलिये हमारे दोस्त बने रहिए
*♥*♥*♥*♥*♥*♥*♥*♥
एक प्यारे से दोस्त के लिए प्यारा सा कलाम
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!! मित्रता दिवस कि लख लख बधाईयाँ !!
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!! मैं दुआ करता हूँ कि सफलता आपके कदम चूमे , संसार खुशियों से भरा रहे , दोस्ती जिन्दगी भर बनी रहे और आप सदा यूं ही मुस्कुराते रहे !!
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कोई लाख दूर रहे कितना भी
पर अपना रहे क्या कम है
मिले ना मिले कोई गम नही
बस याद करता रहे क्या कम है
किसी ने हमें आशिक कहा
किसी ने हमे दीवाना कहा
इन आंखों में आँसू तब आये
जब भरी महफिल म उन्होने हमे बेगाना कहा
इस दो पल कि ज़िन्दगी में तन्हाई क्यों है,
लोगो को हमसे रुसवाई क्यों है,
इस दुनिया मे इन्सान कम नही है,
फिर भी हमारे साथ सिर्फ हमारी परछाई क्यों है.........
मायूस मत होना यह एक गुनाह होता है
मिलता वही है जो किस्मत में लिखा होता है
हर चीज़ मिले हमें यह ज़रूरी तो नही
कुछ चीजों का ज़िक्र दूसरे जहाँ में होता है
जो खुद को कोसते हैं वो शायद बेखबर हैं
कुछ पालने का इख़्तियार खुद पे भी होता है
हर एक को बर्सर-ए-इलज़ाम क्यों ठहरायें हम
अपने सामने भी तो एक आईना होता है
हम अपनी जिन्दगी से क्यों हार जायें
गर डूबता है सूरज तो कल भी उजाला होता है....
डूब रही हैं साँसे मगर ये गुमान बाक़ी है
आने का किसी शख्स के अभी उम्मीद बाक़ी है
मुद्दत होयी एक शख्स को बिछ्ड़े लेकिन
आज तक मेरे दिल पे एक निशाँ बाक़ी है
वो आशियाँ छिन गया तो कोई गम नही
अभी तो मेरे सिर पे ये आसमान बाक़ी है
कश्ती ज़रा किनारे के करीब ही रखना
बिखरी हुई लहरों में अभी तूफान बाक़ी है
तुम्हारे ही अश्कों ने लब भर दिए वर्ना
अभी तो मेरे दुखों कि दास्ताँ बाक़ी है
गमों से कह दो कि अभी ना अपना सामान बांधें
कि अभी तो मरे जिस्म में कुछ ओर जान बाक़ी है……..
जा चुके हैं सब लोग खामोश पडी है बस्ती
मगर किसी आस पे…अभी कुछ सांस बाक़ी है…
उस अजनबी का यूँ ना इंतज़ार करो
इस आशिक दिल का ना ऐतबार करो
रोज़ निकला करें किसी के याद में आंसू
इतना कभी ना किसी से प्यार करो
दिल कि आवाज़ को इजहार कहते है,
झुकी निगाह को इकरार कहते है
सिर्फ पाने का नाम इश्क नही.
कुछ खोने को भी प्यार कहते है
हर आहट एहसास हमारा दिलायेगी.,
हर हवा खुशबु हमारी लायेगी.;
हम दोस्ती ऐसी निभाएंगे यारा!
कि हम ना होंगे और हमारी याद तुम्हे सतायेगी..
कभी नज़रें मिलाने में ज़माने बीत जाते हैं
कभी नज़रें चुराने में ज़माने बीत जाते हैं
किसी ने आंख भी खोली तो सोने कि नगरी में
किसी को घर बनने में ज़माने बीत जाते हैं
कभी काली सेयाह रातें हमें पल पल कि लगती हैं
कभी इक पल बिताने में ज़माने बीत जाते हैं
कभी खोला घर का दरवाज़ा खडी थी सामने मंज़िल
कभी मंज़िल को आने में ज़माने बीत जाते हैं
एक एक पल में टूट जाते हैं उम्र भर के वोह रिश्ते
वोह रिश्ते जो बनने में ज़माने बीत जाते हैं .
ग़म को सीने में छुपाना छोड़ दिया,
हमने दर्द में मुस्कुराना छोड़ दिया,
यूँ निभाई दोस्ती कुछ गैरों ने अपना बनाके,
हमने और नए दोस्त बनाना छोड़ दिया,
इंतेजार की मियाद जब इंतेहा लाँघ गई,
हमने उम्मीदों से दिल बहलाना छोड़ दिया,
हर वादे को वो यूँ ही भुलाते रहे,
और हमने उनको याद दिलाना छोड़ दिया,
वो जब अनदेखा कर गुजरने लगे सामने से,
हमने उनसे नज़रें मिलाना छोड़ दिया,
यह सोच कर के कोई पूछ न ले उदासी का सबब,
हमने महफिलों में आना जाना छोड़ दिया,
उम्मीद ऐ वफ़ा यूँ टूटी हर बार हमारी,
हमने किस्मत को आजमाना छोड़ दिया.....
दिल के बाग़ में आज एक और फूल खिला,
ज़िन्दगी की राह में आज तुम्हे भी एक हमसफ़र मिला.
एक अटूट रिश्ते में बंधने को,
दो दिल फिर तैयार हुए,
फिर शेहनाई की आवाज़ सुनने को,
ये आलम बेकरार हुए.
इस खुशी के मौके पर,
क्या कहें तुमसे, की क्या चाहते हैं हम,
कितने तारे, कितने फूल,
तुम्हारी राहों में चाहते हैं हम.
आज साथ हैं हम सब,
कल को न होंगे.
खुशी के ये चंद पल,
साथ गुजारने को, हम न होंगे.
मगर खुदा के आगे सजदा करने को ये सर जब भी झुकेगा,
दिल के एक कोने से, तुम्हारे लिए खुशियों की दुआ मांगेंगे।