Sunday, September 25, 2011

दुनिया में किसी पे यकीं नही करना !!!

साल दर साल यूँ ही गुजर जायेंगे
रिश्तों के मायने शायद बदल जायेंगे
पर यकीं रखना हमारी दोस्ती पे सनम
तन्हाई में याद करना और हम नज़र आएंगे.

रात के अँधेरे सुबह खो जाते है
हम गम के राहों में भी मुस्कराते है
दुनिया में किसी पे यकीं नही करना
यहाँ वक़्त से भी जल्दी लोग बदल जाते है

फूलों सी खुशबू तुम्हारे दामन से आयेगी
अँधेरी रातों की मनहूसियत गुजर जायेगी
आज है तो ना समझो मेरी कीमत मेरे दोस्त
हम ना होंगे, तुम्हें मेरी याद बहुत आयेगी

किसी को दवा किसी को दुआ काम आयेगी
कीमत मेरी दोस्ती करके समझ आयेगी
हम तो गम के भी हमसफ़र बन जाते है
आज नही तो कल ये बात तुमें याद आयेगी

तुम्हें तुम्हारी चाहतों कि दुनिया हासिल हो
मेरे दोस्त मेरी हर ख़ुशी में शामिल हो
हम तो परवाने है और मेरा ठिकाना कहां
वो हर शै तुम्हें मिले जिसके तुम काबिल हो

आज से हर पल तुम्हारा गुलाम होगा
खुदा भी तुम पे मेहरबान होगा
मुझे पता है ये दोस्ती कबूल करोगे
यहाँ हर इन्सान तुम्हारा होगा

किसी के इतने पास न जा
के दूर जाना खौफ़ बन जाये
एक कदम पीछे देखने पर
सीधा रास्ता भी खाई नज़र आये

किसी को इतना अपना न बना
कि उसे खोने का डर लगा रहे
इसी डर के बीच एक दिन ऐसा न आये
तु पल पल खुद को ही खोने लगे

किसी के इतने सपने न देख
के काली रात भी रंगीली लगे
आंख खुले तो बर्दाश्त न हो
जब सपना टूट टूट कर बिखरने लगे

किसी को इतना प्यार न कर
के बैठे बैठे आंख नम हो जाये
उसे गर मिले एक दर्द
इधर जिन्दगी के दो पल कम हो जाये

किसी के बारे मे इतना न सोच
कि सोच का मतलब ही वो बन जाये
भीड के बीच भी
लगे तन्हाई से जकडे गये

किसी को इतना याद न कर
कि जहा देखो वोही नज़र आये
राह देख देख कर कही ऐसा न हो
जिन्दगी पीछे छूट जाये

ऐसा सोच कर अकेले न रहना,
किसी के पास जाने से न डरना
न सोच अकेलेपन मे कोई गम नही,
खुद की परछाई देख बोलोगे "ये हम नही"

क्यों कहते हो मेरे साथ कुछ भी बेहतर नही होता

सच ये है के जैसा चाहो वैसा नही होता

कोई सह लेता है कोई कह लेता है

क्योंकि ग़म कभी ज़िंदगी से बढ़ कर नही होता

आज अपनो ने ही सिखा दिया हमें

यहाँ हर ठोकर देने वाला पत्थर नही होता

क्यों ज़िंदगी की मुश्क़िलों से हारे बैठे हो

इसके बिना कोई मंज़िल, कोई सफ़र नही होता

कोई तेरे साथ नही है तो भी ग़म ना कर

ख़ुद से बढ़ कर कोई दुनिया में हमसफ़र नही होता

उन काले किये पन्नो को फिर पलटने को जीं चाहता है,
आज खुद से मेरा लड़ने को जीं चाहता है,

यूं तो उन गलियों में दर्द के सिवा कुछ नही मिला मुझको,
आज उन्ही लम्हों के रास्तों से गुमशुदा हो कर गुज़रने को जीं चाहता है,

किनारों पर तो नही वो तूफानों में मेरा साथ निभाता है,
रो रोकर इन किनारों को आज रोकने को जीं चाहता है,

मुझको खबर है एक मासूम चिंगारी है मोहब्बत जो एक दिन मुझको जला देगी,
आज उसके प्यार कि आग में खुद को झोकने को जीं चाहता है,

उसकी नाजायज़ चाहतों ने हमारी मोहब्ब्बत को कहीँ का नही रखा,
इस गिरी हुई मोहब्बत को फिर एक बार उठाने को जीं चाहता है,

ठंड सी लगती है मेरे चहरे को आँसू के गीलेपन से,
इन आश्कों को सर्दियों की धुप में सूखोने को जीं चाहता है,

वो लाश को मेरी बाँहों में ले लेकर घूमता है,
हर जन्म में यूं ही सोये रहने को जीं चाहता है,

वोह मिला आज बरसों बाद लेकिन कुछ कमी सी है,
बस अब इस पल के बाद हमेशा के लिए बिछड़ जाने को जीं चाहता है,

हम दोनो तन्हा है कोई नही इस घर में,
इस रात में बस यंही ठहर जाने को जीं चाहता है,

बड़ी मुश्किल से संवरी हूँ में कई बार टूटने के बाद,
चांद पल उसके साथ गुज़र कर फिर बिखर जाने को जीं चाहता है.

ए खुदा आज ये फैसला करदे,
उसे मेरा या मुझे उसका करदे.
बहुत दुःख सहे है मैंने,
कोई खुशी अब तो मुक्द्दर करदे.
बहुत मुश्किल लगता है उससे दूर रहना,
जुदाई के सफ़र को कम करदे.
जितना दूर चले गए वोह मुझसे,
उसे उतना करीब करदे.
नही लिखा अगर नसीब में उसका नाम,
तो खत्म कर ये जिन्दगी और मुझे फना करदे।

तेरे दिले में मेरी साँसों को पनाह मिल जाये
तेरे इश्क में मेरी जान फना हो जाये

आंखें तो प्यार में दिलकी ज़ुबां होती है,
सच्ची चाहत तो सदा बेज़ुबान होती है,
प्यार मे दर्द भी मिले तो क्या घबराना,
सुना है दर्द से चाहत और जवान होती है....



फूल हूँ गुलाब का
चमेली का मत समझना ?
आशिक हूँ आपका
अपनी सहेली का मत समझना

दूर हमसे जा पाओगे कैसे,
हमको भूल पाओगे कैसे.
हम वो खुशबू है जो साँसों में उतर जाये,
खुद अपनी साँसो को रोक पाओगे कैसे

बेखुदी कि जिन्दगी हम जिया नही करते,
यूं किसीका का जाम हम पिया नही करते.
उनसे कह्दो मोहब्बत का इजहार आकर खुद करें,
यूं किसीका पीछा हम नहीं करते

रोने दे तू आज हमको तू आंखे सुजाने दे
बाहों में लेले और खुद को भीग जाने दे
है जो सीने में कैद दरिया वो छुट जाएगा
है इतना दर्द कि तेरा दामन भीग जाएगा॥

तेरे दिल में मेरी साँसों को जगह मिल जाये
तेरे इश्क में मेरी जान फना हो जाये
अधूरी सांस थी धड़कन अधूरी थी अधूरें हम
मगर अब चांद पूरा हैं फलक पे और अब पूरें हैं हम


*♥*♥*♥*♥*♥*♥*♥*♥
दोस्ती खिलते फूलों कि खुशबु मेँ है
दोस्ती ढलते सूरज कि किरणों में है
दोस्ती हर नए दिन कि उम्मीद है
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दोस्ती ख्वाब है,दोस्ती जीत है
दोस्ती प्यार है,दोस्ती गीत है
दोस्ती दो जहानो का संगीत है
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दोस्ती हर ख़ुशी,दोस्ती जिन्दगी
दोस्ती रोशनी है, दोस्ती बंदगी है
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संग चलती हवाओं में है
दोस्ती इन बरसती घटाओं में है
दोस्ती दोस्तो कि वफाओं में है
इसीलिये हमारे दोस्त बने रहिए
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एक प्यारे से दोस्त के लिए प्यारा सा कलाम
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!! मित्रता दिवस कि लख लख बधाईयाँ !!
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!! मैं दुआ करता हूँ कि सफलता आपके कदम चूमे , संसार खुशियों से भरा रहे , दोस्ती जिन्दगी भर बनी रहे और आप सदा यूं ही मुस्कुराते रहे !!
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कोई लाख दूर रहे कितना भी
पर अपना रहे क्या कम है
मिले ना मिले कोई गम नही
बस याद करता रहे क्या कम है

किसी ने हमें आशिक कहा
किसी ने हमे दीवाना कहा
इन आंखों में आँसू तब आये
जब भरी महफिल उन्होने हमे बेगाना कहा


इस दो पल कि ज़िन्दगी में तन्हाई क्यों है,
लोगो को हमसे रुसवाई क्यों है,
इस दुनिया मे इन्सान कम नही है,
फिर भी हमारे साथ सिर्फ हमारी परछाई क्यों है.........

मायूस मत होना यह एक गुनाह होता है
मिलता वही है जो किस्मत में लिखा होता है

हर चीज़ मिले हमें यह ज़रूरी तो नही
कुछ चीजों का ज़िक्र दूसरे जहाँ में होता है

जो खुद को कोसते हैं वो शायद बेखबर हैं
कुछ पालने का इख़्तियार खुद पे भी होता है

हर एक को बर्सर-ए-इलज़ाम क्यों ठहरायें हम
अपने सामने भी तो एक आईना होता है

हम अपनी जिन्दगी से क्यों हार जायें
गर डूबता है सूरज तो कल भी उजाला होता है....


डूब रही हैं साँसे मगर ये गुमान बाक़ी है
आने का किसी शख्स के अभी उम्मीद बाक़ी है

मुद्दत होयी एक शख्स को बिछ्ड़े लेकिन
आज तक मेरे दिल पे एक निशाँ बाक़ी है

वो आशियाँ छिन गया तो कोई गम नही
अभी तो मेरे सिर पे ये आसमान बाक़ी है

कश्ती ज़रा किनारे के करीब ही रखना
बिखरी हुई लहरों में अभी तूफान बाक़ी है

तुम्हारे ही अश्कों ने लब भर दिए वर्ना
अभी तो मेरे दुखों कि दास्ताँ बाक़ी है

गमों से कह दो कि अभी ना अपना सामान बांधें
कि अभी तो मरे जिस्म में कुछ ओर जान बाक़ी है……..

जा चुके हैं सब लोग खामोश पडी है बस्ती
मगर किसी आस पेअभी कुछ सांस बाक़ी है

उस अजनबी का यूँ ना इंतज़ार करो
इस आशिक दिल का ना ऐतबार करो
रोज़ निकला करें किसी के याद में आंसू
इतना कभी ना किसी से प्यार करो


दिल कि आवाज़ को इजहार कहते है,
झुकी निगाह को इकरार कहते है
सिर्फ पाने का नाम इश्क नही.
कुछ खोने को भी प्यार कहते है


हर आहट एहसास हमारा दिलायेगी.,
हर हवा खुशबु हमारी लायेगी.;
हम दोस्ती ऐसी निभाएंगे यारा!
कि हम ना होंगे और हमारी याद तुम्हे सतायेगी..


कभी नज़रें मिलाने में ज़माने बीत जाते हैं
कभी नज़रें चुराने में ज़माने बीत जाते हैं
किसी ने आंख भी खोली तो सोने कि नगरी में
किसी को घर बनने में ज़माने बीत जाते हैं
कभी काली सेयाह रातें हमें पल पल कि लगती हैं
कभी इक पल बिताने में ज़माने बीत जाते हैं
कभी खोला घर का दरवाज़ा खडी थी सामने मंज़िल
कभी मंज़िल को आने में ज़माने बीत जाते हैं
एक एक पल में टूट जाते हैं उम्र भर के वोह रिश्ते
वोह रिश्ते जो बनने में ज़माने बीत जाते हैं .

ग़म को सीने में छुपाना छोड़ दिया,
हमने दर्द में मुस्कुराना छोड़ दिया,

यूँ निभाई दोस्ती कुछ गैरों ने अपना बनाके,
हमने और नए दोस्त बनाना छोड़ दिया,

इंतेजार की मियाद जब इंतेहा लाँघ गई,
हमने उम्मीदों से दिल बहलाना छोड़ दिया,

हर वादे को वो यूँ ही भुलाते रहे,
और हमने उनको याद दिलाना छोड़ दिया,

वो जब अनदेखा कर गुजरने लगे सामने से,
हमने उनसे नज़रें मिलाना छोड़ दिया,

यह सोच कर के कोई पूछ ले उदासी का सबब,
हमने महफिलों में आना जाना छोड़ दिया,

उम्मीद वफ़ा यूँ टूटी हर बार हमारी,
हमने किस्मत को आजमाना छोड़ दिया.....


दिल के बाग़ में आज एक और फूल खिला,
ज़िन्दगी की राह में आज तुम्हे भी एक हमसफ़र मिला.

एक अटूट रिश्ते में बंधने को,
दो दिल फिर तैयार हुए,
फिर शेहनाई की आवाज़ सुनने को,
ये आलम बेकरार हुए.

इस खुशी के मौके पर,
क्या कहें तुमसे, की क्या चाहते हैं हम,
कितने तारे, कितने फूल,
तुम्हारी राहों में चाहते हैं हम.

आज साथ हैं हम सब,
कल को होंगे.
खुशी के ये चंद पल,
साथ गुजारने को, हम होंगे.

मगर खुदा के आगे सजदा करने को ये सर जब भी झुकेगा,
दिल के एक कोने से, तुम्हारे लिए खुशियों की दुआ मांगेंगे।





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