Saturday, September 24, 2011

आपकी दोस्ती को एहसान मानते है !!!

आपकी दोस्ती को एहसान मानते है,
दोस्ती निभाना ईमान मानते है
वो और होंगे जो दोस्ती में जान देते है,
हम तो दोस्त को ही अपनी जान मानते है

अगर मंज़िल को पाना है तो हौसला साथ रखना,
अगर प्यार को पाना है तो ऐतबार साथ रखना,
अगर हमेशा मुस्कुराना है तो हमे साथ रखना

तेरे अकेलेपन में साथ तेरा हम निभाएंगे,
तेरी तनहाइयों में तेरे पास हम आएंगे
तू एक बार आजमा कर तो देख,
खुद मिट कर भी तेरी पहचान बनायेंगे

प्यार आंखों से जताया तो बुरा मान गए,
हाल--दिल हमने सुनाया तो बुरा मान गए
वो तो हर रोज़ रुलाया करते थे,
एक रोज़ हमने रुलाया तो बुरा मान गए

जब आपकी याद आती है ,
होंठो पर एक ही फरियाद आती है
खुदा अपको हर ख़ुशी दे क्यूँकि ,
आज भी हमारी हर ख़ुशी अपके बाद आती है

मना लूँगा आपको रुठकर तो देखो,
जोड़ लूँगा आपको टूटकर तो देखो
नादाँ हूँ पर इतना भी नहीं ,
थाम लूँगा आपको छूट कर तो देखो


लोग
मोहब्बत को खुदा का नाम देते है,
कोई करता है तो इल्जाम देते है
कहते है पत्थर दिल रोया नही करते,
और पत्थर के रोने को झरने का नाम देते है

भूलना ना हमे कभी ,
हम आपको ना भूल पाएंगे
नाराज़ ना होना ,
हमारी शरारतों से ,
इन्ही शरारतों से हम ,
हमेशा आपको याद आएंगे

हर ख़ुशी है लोगों के दामन में,
पर एक हंसी के लिए वक़्त नही
दिन रात दौड़ती दुनिया में,
जिन्दगी के लिए ही वक़्त नही

माँ कि लोरी का एहसास तो है,
पर माँ को माँ कहने का वक़्त नही
सारे रिश्तों को तो हम मार चुके,
अब उन्हें दफनाने का भी वक़्त नही

सारे नाम Mobile में हैं,
पर दोस्ती के लिए वक़्त नही
गैरों कि क्या बात करें,
जब अपनों के लिए ही वक़्त नही

आंखों में है नींद बड़ी,
पर सोने का वक़्त नही
दिल है ग़मों से भरा हुआ,
पर रोने का भी वक़्त नही

पैसों कि दौड़ में ऐसे दौड,
कि थकने का भी वक़्त नही
पराये एहसासों कि क्या कद्र करें,
जब अपने सपनो के लिए ही वक़्त नही

तू ही बता जिन्दगी,
इस जिन्दगी का क्या होगा,
कि हर पल मारने वालों को,
जीने के लिए भी वक़्त नही......

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